शिलांग। मेघालय में जादू-टोना करने के आरोप में एक अनियंत्रित भीड़ द्वारा घर पर किए गए हमले के बाद परिवार के 21 सदस्यों को बचा लिया गया। यह घटना गुरुवार को देर रात घटित हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 200 लोगों की भीड़ ने सोहरा के खलीहशनॉन्ग स्थित हैम शांगप्लियांग के घर को घेर लिया और तोड़फोड़ की। यह हिंसक हमला एक नाबालिग लड़के द्वारा लगाए गए जादू-टोने के आरोपों के बाद हुआ। लड़के ने दावा किया था कि शांगप्लियांग ने उस पर जादू-टोना किया है।
पूर्वी खासी हिल्स जिला के पुलिस प्रमुख विवेक सिएम ने बताया कि सोहरा के खंड विकास अधिकारी और उप-विभागीय पुलिस अधिकारी स्थिति का जायजा लेने और निवासियों की सुरक्षा के लिए इलाके में पहुंचे।
उन्होंने कहा कि हालांकि, भीड़ ने पुलिस और विशेष अभियान दल पर पथराव शुरू कर दिया और उनके पास से दंगा-रोधी उपकरण भी छीन लिए, जिन्हें बाद में बरामद कर लिया गया। सिएम ने कहा कि अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः भीड़ तितर-बितर हो गई और पीड़ित के परिवार के सदस्यों को पुलिस ने बचाया और बाद में चिकित्सा सहायता के लिए शिलांग सिविल अस्पताल भेजा गया।
उन्होंने बताया कि नाबालिगों सहित कुल 21 लोगों को अनियंत्रित भीड़ से बचाया गया और बाद में चिकित्सा सहायता के लिए शिलांग सिविल अस्पताल भेजा गया। सिएम ने कहा कि नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और सोहरा थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।
इस संबंध में, सोहरा थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 (1)/118 (1)/125 (बी)/127 (2)/131/132/324 (6)/331 (5)/3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि अफवाहें फैलाना या लोगों को मेनशोहनोह होने के लिए उकसाना गंभीर अपराध है क्योंकि इससे निर्दोष लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान पहुंचने की संभावना है।



