नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर उत्पन्न परिस्थितियों में सशस्त्र बलों को रसद आपूर्ति के लिए लाइनें खाली रखने एवं पथ उपलब्ध कराने को लेकर रेलवे में तैयारियां जोरों पर हैं।
रेल भवन में मंगलवार शाम हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में रेलवे एवं सेना के उच्चाधिकारी शामिल हुए। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमापार सैन्य कार्रवाई की तैयारियों के बीच सेना ने रसद आपूर्ति, सैन्य साजो सामान एवं सैनिकों के द्रुत गति से परिवहन के लिए रेलवे से लाइनों को खाली रखने एवं मार्ग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे ने प्रमुख सैन्य छावनियों एवं रक्षा उत्पादन इकाइयों से सामरिक बिन्दुओं तक के मार्ग से केवल आवश्यक गाड़ियों को चलाने, अतिरिक्त या कम महत्वपूर्ण गाड़ियों का रास्ता बदलने का निर्णय लिया है। इसी तरह से अनेक ज़ोनों में कम लोकप्रिय गाड़ियों को रद्द किया गया है और उनके रैक को आपात स्थिति के लिए सुरक्षित किया जा रहा है।
बताया गया है कि रेलवे के दोनों समर्पित मालवहन कॉरीडोर भी सैन्य परिवहन के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा कंटेनर परिवहन के काम आने वाले मालगाड़ी रैक भी टैंकों एवं बख्तरबंद वाहनों, तोपों एवं गोला बारूद के परिवहन के लिए उपयुक्त रैक एवं कंटेनरों को भी सेना के अधिकारियों के साथ मिलकर जुटाया जा रहा है।
यह भी पता चला है कि गुजरात, राजस्थान, पंजाब एवं जम्मू कश्मीर की सीमा के अलावा बांग्लादेश से लगती पश्चिम बंगाल, असम सहित पूर्वोत्तर की लाइनों को भी सैन्य परिवहन के हिसाब से तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।