सबगुरु न्यूज -सिरोही। पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकी कैंपों पर हमला किया। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाक समर्थित आतंकी मशीनरी पर किए इस हमले में भारतीय सेना के शौर्य को सम्मान देने के लिए भारतीय यूथ कांग्रेस और राजस्थान यूथ कांग्रेस ने सेना के सम्मान में तिंरगा यात्रा करने का आह्वान किया था। सिरोही जिले में भी इस आव्हान का संदेश आया था। लेकिन, सिरोही यूथ कांग्रेस का ये इवेंट सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में भूसे में सुई की तरह हो गया है।
-इस दिन था आयोजन
सिरोही जिले में कांग्रेस के कुछ व्हाट्स एप समूहों और कार्यकर्ताओं के व्यक्तिगत अकाउंट पर यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रकाश राज में का संदेश प्रसारित हुआ। अति महत्वपूर्ण निर्देश के शीर्षक के साथ प्रसारित इस संदेश में लिखा था कि ‘ IYC व RPYC शीर्ष नेतृत्व के आदेश अनुसार सिरोही जिला युवा कांग्रेस के बैनर तले दिनांक 14 मई 2025 बुधवार शाम 4:00 बजे संभाग प्रभारी, संभाग सह प्रभारी गणों, जिला प्रभारी, विधानसभा प्रभारी गणों, जिला कमेटी, विधानसभा अध्यक्ष व विधानसभा कमेटियों के संयुक्त तत्वाधान में एक तिरंगा मार्च / तिरंगा रैली निकाली जाएगी। जिसमे कांग्रेस पार्टी के सभी पदाधिकारी ,कार्यकर्ता सादर आमन्त्रित है। भारतीय सेना के सम्मान में और उनके द्वारा दिए गए अदम्य साहस के परिचय को सलाम करते हुए देश के वीर शहीद जवानों को याद करते हुए इस तिरंगा रैली का आयोजन किया जाएगा।’
जितने लोगों का इस संदेश में शामिल होने को लिखा गया हैं उससे इस कार्यक्रम की भव्यता और विराटता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना बड़ा आयोजन सिरोही में हो गया और सिरोही कांग्रेस के अधिकांश प्लेटफॉर्म और समाचार पत्र में इसे विशेष स्थान नहीं दिलाया जा सका। भूसे के ढेर में जिस तरह सुई ढूंढने समस्या होती है वैसे ही सिरोही के कांग्रेस से जुड़े कई सोशल मीडिया हैंडल्स खंगालने पर फेसबुक पर एक तस्वीर मिली। इस तस्वीर में जो एकत्रीकरण दिख रहा है उससे लगा रहा है कि जिला कार्यकारिणी के सदस्य भी इसमें नहीं पहुंच पाए होंगे। बाकियों की तो बात ही दूसरी है।
– इतने में ही निपटाया
दरअसल, सिरोही जिला मुख्यालय में ये कार्यक्रम हुआ भी था। लेकिन, इसमें दोनों हाथों अंगुलियों की पोर के जितने लोग भी एकत्रित नहीं हो पाए थे। प्रसारित संदेश के बाद कुछ लोग अहिंसा सर्किल पर एकत्रित हुए। यहां उन्हें पर जब पता चला कि कुछ लोग शाहिद स्मारक पर पहले से ही हैं। फिर ये लोग भी शहीद स्मारक पर पहुंचे। श्रद्धांजलि अर्पित की और गंतव्य की ओर निकल लिए। यानि तिरंगा यात्रा निकाली ही नहीं जा सकी थी। यदि निकाली गई होती तो जिस फेसबुक अकाउंट से शहीद स्मारक का फोटो में मिला है उसी अकाउंट पर तिरंगा यात्रा का भी फोटो मिल जाता। इस आयोजन के बाद पार्टी में ही ये चुटकी ली जा रही है संख्या इतनी कम थी इसी वजह से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और समाचार पत्रों में भी ये इवेंट बहुत बढ़ चढ़ कर नजर नहीं आया जितना भाजपा की तिरंगा यात्रा नजर आ रही है।
– डेढ़ साल बाद भी ये बदहाली
विधानसभा चुनाव के डेढ़ और लोकसभा चुनाव के एक साल बाद भी कांग्रेस की युवा विंग की सिरोही शहर में ऐसी बदहाली है। संगठन पर एकाधिकार की जंग में सिरोही के कांग्रेस के दोनों प्रमुख धड़ों की वजह से संगठन बदहाल होता जा रहा है। सिरोही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी संयम लोढ़ा को बहुत बड़ी हार मिली थी, यही स्थिति लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत की हुई थी। इसमें भी सिरोही शहर में भी कांग्रेस ने बुरी तरह से मुंह की खाई थी। डेढ़ साल बीतने के बाद वैभव गहलोत के साथ संयम लोढ़ा और जिलाध्यक्ष आनंद जोशी यूथ कांग्रेस के वैभव को सिरोही में वापस नहीं ला पाए।
सत साल पहले सिर्फ परम्परागत वोटों के अलावा सिरोही में कांग्रेस नेताओं पर जिन लोगों ने विश्वास किया था, वो भी अशोक गहलोत सरकार द्वारा प्रदेश के अन्य स्थानों की तरह सिरोही शहर में गवर्नेंस को पूरी तरह से फैल करके फैलाई गई प्रशासनिक अव्यवस्था ने खत्म कर दिया। भाजपा ने डेढ़ साल जनता और खुद भाजपा कार्यकर्ताओं में विश्वास खोया है लेकिन, यूथ कांग्रेस की तिरंगा रैली में युवा नहीं जुटा पाना ये बता रहा है कि कांग्रेस भी अपने पिछले पांच साल के ट्रैक रिकार्ड के कारण जनता और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इस विश्वास की पुनर्बहाली में पूरी तरह से विफल हुई है।