अजयनगर मेडीटेटिव स्कूल में सिन्धी बाल संस्कार शिविर का समापन
अजमेर। सिन्धी बाल संस्कार शिविरों के आयोजन में उपस्थित रहने वाले बच्चों को नियमित रूप से साप्ताहिक अध्ययन के लिए भी तैयार रहना चाहिए। परिवाजन नियमित संस्कारवान बनाने के लिए संगठन व आध्यमिक केन्द्रों से जोडें रखें। यह बात भारतीय सिन्धू सभा अजयनगर ईकाई की ओर से मेडीटेटिव स्कूल में चल रहे सिन्धी बाल संस्कार शिविर के समापन अवसर पर ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वरूपदास ने कही। महन्त ने कहा कि सिन्धू सभा के कार्यकर्ताओं की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय है और नियमित सेवा से मातृभाषा का भी ज्ञान बढा है।
संगठन मंत्री निरंजन शर्मा ने कहा कि शिविरों के आयोजन में मातृशक्ति व युवा कार्यकर्ता समेत समाज के हर वर्ग की भी सहभागिता है। अंग्रेजी माध्यम की पढाई के ज्ञान के अलावा बाल्यकाल में मातृभाषा से जोडना नई शिक्षा नीति का अंग है।
जिला मंत्री रमेश वलीरामाणी ने बताया कि शिविर में बच्चों को सिखाए गए गीत व कविता का मुख्य कार्यक्रम में सराहनीय प्रदर्शन किया गया व सभी को सम्मानित भी किया गया। शिविर में उपस्थित सभी बच्चों को प्रशस्ति पत्र व उपहार भेंट किए गए। परिवारजनों की ओर से अनुभव कथन भी दिया गया।
विद्यालय के अध्यक्ष धर्मेन्द्र हेमनाणी, रमेश लखाणी, भगवान पुरसवाणी, नरेश टिलवाणी, अमित गणेशाणी व शंकर सबनाणी ने भी विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में निर्मला जशनाणी, राम बालवाणी, हरकिशन टेकचंदाणी, कन्हैयालाल खानचंदाणी, मनोज कोटाई, भरत पिंजलाणी, कुमकुम छतवाणी, मधु आहूजा सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
बाल संस्कार शिविरों के माध्यम से संस्कार व राष्ट्रभक्ति को बढावा : तीर्थाणी
बाल संस्कार शिविरों में बच्चों को मातृभाषा के ज्ञान के साथ संस्कार, स्वास्थ्य व राष्ट्रभक्ति को बढावा देने के सेवा कार्य हो रहे है और बचपन में सीखे गए नियम जीवन भर ज्ञान बढाते हैं। यह विचार भारतीय सिन्धू सभा की ओर से चन्द्रवरदाई नगर में आठवें शिविर के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने व्यक्त किए। तीर्थाणी ने कहा कि अजमेर महानगर में प्राथमिक से स्नातकोतर तक सिन्धी विषय का अध्ययन हो रहा है और राजयभर में प्रत्येक ईकाई की ओर से अवकाश में यह शिविर चल रहे हैं।
शिविर प्रभारी खूबचन्द ने बताया कि आसपास के क्षेत्र से 72 बच्चों का शिविर में जुडाव हुआ है जिसमें सिन्धी अध्ययन भाविका ठारवाणी, महेश टेकचंदाणी, विजय बसराणी, गीत व खेलकूद निकिता गोधवाणी, लेखिका, प्राची व मोनिका ने करवाया योग शिक्षा मोहन कोटवाणी व प्रवीण वाधवाणी ने कराया। कार्यक्रम का शुभारंभ आराध्यदेव झूलेलाल, भारत माता व सिन्ध के मानचित्र पर दीप प्रज्जवलन व माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में रमेश एच.लालवाणी, गोरधन खिलनाणी, रूकमणी वतवाणी, किशन टेवाणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।