अजमेर। अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन एवं स्वामी विवेकानंद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय सूर्य वंदन से राष्ट्र अभिनन्दन सूर्य नमस्कार महायज्ञ एवं योग शिविर का रविवार को समारोह पूर्वक विश्राम हुआ। इस अवसर पर 108 सूर्य नमस्कार करने वाले साधकों का अभिनंदन किया गया।
महामंत्री उमेश गर्ग बताया कि समारोह का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके बाद सूर्य नमस्कार सहित विभिन्न योग की क्रियाओं का सामूहिक प्रदर्शन हुआ।मुख्य अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण लाल गुप्ता, विशिष्ट अतिथि विधायक अनिता भदेल, लायंस प्रांतपाल राम किशोर गर्ग, लायंस संभाग के अधिकारी हरीश गर्ग, जेएलएन चिकित्सालय के प्राचार्य डॉ अनिल सामरिया, पुखराज पहाड़िया, सुभाष नवल, रमेश चंद्र अग्रवाल अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
जिलाध्यक्ष रमेश तापड़िया ने इस मौके पर सघन वृक्षारोपण की अपील करते हुए वैश्य समाज के वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम 2 पेड़ अवश्य लगाने चाहिए।
मुख्य वक्ता प्रो नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि आज भारत की युवा पीढ़ी फ्रेगमेंटेड पर्सनलिटी को अपना कर भले ही भारत में रह रही है लेकिन आचरण यूरोपीय और अमरीकी संस्कृति का कर रही है। योग का आचरण हमें भारतीयता से जोड़ता है।
आज परिवार में प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग मोबाइल लेकर खंडित विचार रखते हुए ‘इट्स माय लाइफ’ की संकल्पना के साथ जी रहा है जबकि विश्व योग दिवस हमें परिवार में संवाद स्थापित करते हुए सहयोग करने के लिए प्रेरित करता है। भारतीय संस्कृति आत्मवत सर्व भूतेषु की बात करती है वह दिल मांगे मोर नहीं सिखाती। वह तेन त्यक्तेन भुंजीथा की संकल्पना देती है, अर्थात जो है उसका त्याग पूर्वक उपभोग करना।
भारतीय संस्कृति के लिए युवाओं को बताना होगा कि भारत सदैव सोने की चिड़िया रहा है तथा सुख की समस्त कुंजियां हमारे हाथ में है जिसे हम अष्टांग योग के रूप में जानते हैं। पूरी दुनिया को योग का ज्ञान नव वेदांत के जरिये देने वाले स्वामी विवेकानंद की पर्सनलिटी से आज भारतीय युवा को परिचित कराने की आवश्यकता है जिसे सूर्य वंदन से राष्ट्र अभिनंदन जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से विवेकानंद केंद्र भली प्रकार से कर रहा है।
विशिष्ट अतिथि अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने कहा कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम के द्वारा हम अपने मन, शरीर, बुद्धि और प्राण को जोड़ते हैं और यही जुड़ाव हमें अपने परिवार, समाज और राष्ट्र में भी प्रतिबिंबित करना होगा, तभी हम योग के वास्तविक अर्थों को अपने जीवन में उतार सकेंगे। इस अवसर पर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनिल सामरिया ने कहा कि आज सूर्य नमस्कार महायज्ञ का समापन नहीं है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हमें संकल्पित होकर प्रतिदिन सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हुए योग और प्रणायाम को अपने जीवन में स्थान देना चाहिए ताकि हम स्वस्थ बने रहें और हमें अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए चिकित्सक की आवश्यकता ही न पड़े।
इस अवसर पर विगत 9 दिन से सूर्य नमस्कार का अभ्यास कर रहे योग कार्यकर्ताओं को अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यकर्ताओं ने योगाभ्यास कराया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पधारे विभिन्न अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया।