जयपुर। राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में विभिन्न अनियमितताएं करने पर 5 चिकित्सकों सहित 9 कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में दो आयुर्वेद एवं तीन एलोपैथी चिकित्सकों तथा चार अन्य कार्मिकों को निलंबित किया गया है। साथ ही एक निजी अस्पताल, एक मेडिकल स्टोर, तीन चिकित्सकों एवं एक कार्डधारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
राठौड़ ने गत काफी समय से इस योजना में विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अनियमितता करने की शिकायतें सामने आ रही थीं। इन शिकायतों की गहनता के साथ जांच की गई। जांच के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए इन कार्मिकों को निलंबित किया गया है।
राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजी लाल अटल ने बताया कि कार्रवाई के क्रम में आरजीएचएस में अनियमितता पर राजकीय आयुर्वेद डीबी सामान्य चिकित्सालय चूरू की आयुर्वेद चिकित्सक डा कविता धनखड़ एवं डा पवन जांगिड़, सीएचसी बीबरानी, खैरथल—तिजारा की चिकित्सक डा मनीषा, जिला चिकित्सालय अलवर के डा नरसीलाल पचौरी, टीबीसी अलवर के डा कपिल भारद्वाज, राजकीय आयुर्वेद औषधालय नाहरी का नाका के कम्पाउण्डर मदन मोहन पाण्डे, आयुर्वेद औषधालय बालेटा अलवर के कम्पाउण्डर चंद्रशेखर जाटव, कार्यालय उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग जयपुर के परिचारक मोहसिन खान तथा जल संसाधन विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी महेश कुमार महावर को निलंबित किया गया है।
इसी प्रकार राजस्थान पेंशनर्स एसोसिएशन मेडिकल स्टोर, कम्पनी बाग रोड, अलवर, मित्तल हॉस्पिटल, चिकित्सकों एवं कार्ड धारी कार्मिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। प्रकरण में कार्मिक, चिकित्सकों एवं फार्मा स्टोर की मिलीभगत कर कूटरचित ओपीडी पर्चा तैयार किया जाता था। दवा के स्थान पर फार्मा स्टोर से अन्य सामग्री ली जाती थी। इस कार्मिक के कार्ड से एक वर्ष में ही ओपीडी के जरिए करीब 26 लाख 70 हजार का उपचार एवं दवाएं आदि का लाभ लिया गया।