जयपुर। राजस्थान के क़ृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीना ने किसानों की शिकायत पर शनिवार को अचानक श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में किसानों के खेतों पर पहुंचे जहां उन्होंने मौके पर सरकारी और प्राइवेट बीज कंपनियों के बीज उत्पादन का निरीक्षण किया तो बीज उत्पादन में घोर अनियमिताएं मिली।
इसके बाद मीणा ने बताया कि बीज उत्पादन में सरकारी बीज कंपनी भी है. एचआईएल, कृभको, इफको, आरएसएससी, एनएससी, नैफेड के साथ श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में करीब 40 -50 प्राइवेट बीज कंपनियां भी है और इसकी जांच कराई जाएगी तथा दोषियों के ख्रिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अमानक और घटिया बीज का उत्पादन करने वाले और बेचने वाले दोनों को बक्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसानों को बीज के नाम पर घटिया बीज बेचा जा रहा है, कुछ दिन पूर्व भी घटिया बीज को पकड़ा था आज कंपनी के प्रोग्राम में जिस फसल को बोया जाना था मौके पर दूसरी फसल मिली यानी किसानों को कागजो में ही असली बीज बेचा जा रहा है हकीकत मौके पर देखी तो पता लगा की कंपनी घटिया बीज किसानो को बेच रही है, यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जो मिशन है किसानो की दुगनी आय का उस पर डाका डालने का काम कर रही है।
पियाली नेचुरलस प्राइवेट लिमिटेड- श्रीगंगानगर ने पेपर्स में किसान कानाराम/ मनीराम पीलीबंगा-हनुमानगढ़ के यहां बीज उत्पादन प्रोग्राम तो 4.4 हैक्टयर में ग्वार किस्म एचजी 365 का बताया हुआ है। वही गिरदावरी में मूंग, नरमा और चावल की फसल बता रखी है जबकि मौके पर मूंग और नरमा की फसल लगी हुई है। ऐसे ही कृभको कंपनी ने हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में ही किसान साहबराम/मंगलाराम के खेत पर पांच हैक्टयर में मूंग की किस्म मूंग एमएच 1142 का बीज उत्पादन पेपर्स में दिखाया हुआ है जबकि गिरदावरी में नरमा लिखा हुआ है।
मौके पर देखा गया तो खेत में नरमा (कपास) की फसल लगी हुई है। ऐसे ही जय शंकर सीड्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा हनुमानगढ़ के पीलीबंगा ब्लॉक में 11 एलकेएस(ए) में किसान सुदेश/रामस्वरूप के यहां पेपर्स में ग्वार किस्म 2- 20 का 6 हैक्टयर में बीज उत्पादन दिखाया है।
डा मीणा ने बताया कि गिरदावरी में नरमा और मूंग की फसल दिखाई है। वहीं बड़ी गड़बड़ी देखिये, 11 एलकेएस में किसान के नाम से कोई ज़मीन नहीं है। फसल तो छोड़ ही दीजिए। किसान रामस्वरूप खुद कह रहा है की सुदेश नाम का मेरा कोई बेटा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को सर्टिफाइड बीज के नाम से कैसे लूटा जा रहा है। ठगा जा रहा है। कैसे किसान तक सर्टिफाइड बीज के नाम पर घटिया क्वालिटी का बीज सप्लाई हो रहा है।
उन्होंने बताया कि इससे साफ स्पष्ट होता है कि यह कंपनियां किसानों के नाम पत्ते, खेत और फसल उगाने की झूठी सूचना देकर बीज का उत्पादन कागजों में दिखा देती हैं और फिर अनाज की मंडियों से 40–50 रुपए प्रति किलो के भाव से अनाज खरीद करके उसे साफ करके पोलिस आदि करके सर्टिफाइड बीज के नाम पर किसानों को बहुत महंगे दामों में बेचती है।
उन्होंने कहा कि किसानों को उत्तम क्वालिटी का बीज मिलना चाहिए, जिससे किसान की पैदावार बढे। डा मीणा ने बताया की किसानों की शिकायत के बाद बीज उत्पादन से जुडी सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं की करीब 20 फ़ाइलों की जांच की गई जहां बीज उत्पादन में गंभीर अनियमितता मिली है। कल भी किसानों के खेतों में जाकर 50 फ़ाइल के बीज उत्पादन की जांच करनी है। सैकड़ों फ़ाइल अभी पेंडिंग है। सभी की जांच की जाएगी। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।