रायपुर। छत्तीसगढ़ में गरबा को लेकर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज की अपील ने सियासी हलचल तेज कर दी है। बयान के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गए हैं।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने वक्फ बोर्ड को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड भाजपा का टूलकिट बन चुका है। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। गरबा हिन्दुओं की आस्था का पर्व है, और इस पर बयानबाजी करना केवल राजनीति है। मैंने तो न कभी हिन्दुओं को मस्जिद में नमाज़ पढ़ते देखा है और न ही मुसलमानों को गरबा में शामिल होते।
वहीं दूसरी ओर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए कहा कि डॉ. सलीम राज बड़े नेता हैं, वो हल्के बयान नहीं देते। भारत में सभी समाज के लोग रहते हैं और सभी एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करते हैं। गरबा में सभी को परिवार के साथ आना चाहिए, लेकिन इस भाव से कि वे देवी माता के दरबार में पहुंचे हैं।
इसी मौके पर मिश्रा ने कांग्रेस संगठनात्मक ढांचे पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं है। जिला अध्यक्ष तक का फैसला राहुल गांधी ही करते हैं। पार्टी पूरी तरह परिवारवाद में जकड़ी है। वहीं भाजपा सबका सम्मान और समायोजन करके पद देती है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों छत्तीसगढ़ वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राज ने एक लैटर जारी किया था। जिसमें नवरात्र पर्व पर मुस्लिम समाज के युवाओं से अपील करते हुए कहा था कि नवरात्र हिन्दू समाज का एक महत्वपूर्ण एवं पवित्र पर्व है, जिसमें माता जगदंबा की आराधना की जाती है और करोड़ों श्रद्धालु आस्था के साथ गरबा एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।
गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है। यह देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाने वाला भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है जो जीवन के चक्र और देवी की असीम शक्ति का प्रतीक है। यदि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता है तो उन्हें गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों से दूर रहना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया था कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा व परंपरा का सम्मान करते हुए समिति से अनुमति लेकर भाग लेना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी। किंतु गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करने का प्रयास हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करता है, जिससे सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुँच सकती है।
उन्होंने मुस्लिम युवाओं से अपील की थी कि वे ऐसे पवित्र धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखें और प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ में शांति, भाईचारे और सदभाव बनाए रखें। डॉ. राज ने कहा कि इस्लाम शांति का प्रतीक है और हमें हर हाल में प्रदेश की अमन-चैन व भाईचारे को प्राथमिकता देनी चाहिए।