अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में आयोजित अंतर-महाविद्यालयी क्रीड़ा प्रतियोगिता ‘खेलोत्सव जयघोष 2025’ का समापन रविवार को रोमांचक माहौल में हुआ। फाइनल मुकाबला सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर और वीर तेजाजी महाविद्यालय मुंडवा के बीच खेला गया। टीम मुंडवा ने कड़े मुकाबले में राजकीय महाविद्यालय अजमेर से 28 के मुकाबले 29 अंकों से जीता। जिसके साथ ही यह बहुआयामी आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
यह प्रतियोगिता केवल खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसे छात्रों के सर्वांगीण विकास के उत्सव के रूप में आयोजित किया गया। इस आयोजन ने शारीरिक कौशल, मानसिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों के सामंजस्य पर विशेष बल दिया।
समापन अवसर पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर मनोज कुमार बहरवाल ने कहा कि जैसे शरीर के विकास के लिए व्यायाम आवश्यक है, वैसे ही आत्मा के उत्थान के लिए संगीत एवं कला अनिवार्य हैं। यही संतुलन इस प्रतियोगिता का उद्देश्य रहा, जो छात्रों को शारीरिक और आध्यात्मिक विकास की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान जीवन का व्यावहारिक प्रशिक्षण स्थल हैं, जहाँ वास्तविक दबाव की स्थितियों में त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने का कौशल सीखा जाता है। यही क्षमता छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सहयोगी होगी।
इस आयोजन में खेलेगा इंडिया तो फिट रहेगा इंडिया, जीतेगा इंडिया का संदेश दिया गया, जिसने राष्ट्रीय स्वास्थ्य, गौरव और एकता को जोड़ते हुए पूरे समारोह का वातावरण ऊर्जावान बनाया।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संगम
नवरात्र के पावन अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता ने खेल के साथ-साथ सांस्कृतिक उर्जा का अनूठा समन्वय प्रस्तुत किया। छठे दिन मां भगवती की आराधना के साथ महिला प्रतिभागियों को मां भगवती के स्वरूप के रूप में सम्मानित किया गया। विशेष रूप से एक महिला मुख्य अतिथि की उपस्थिति ने आयोजनों को और भी प्रेरणादायी बना दिया। इस अवसर पर अजमेर की ऐतिहासिक धरोहर और वीर योद्धाओं की स्मृति को भी भावपूर्ण तरीके से जोड़ा गया, जिससे साहस और निर्णायक क्षमता का संदेश छात्रों तक पहुंचा।
समापन समारोह की मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय सॉफ्टबॉल खिलाड़ी आरती सेन
ने विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए इस बात पर बल दिया कि खेलों में सफलता के लिए मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। महिला खिलाड़ियों को अपेक्षाकृत अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, किंतु दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्हें पार किया जा सकता है। उन्होंने समाज और अभिभावकों से आग्रह किया कि बेटियों को भी बेटों के समान अवसर दें, ताकि वे खेल और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें। मुख्यातिथि ने इस बात पर विशेष संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार कबड्डी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें 24 टीमों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सामूहिक प्रयास की मिसाल
समापन समारोह में शिक्षकों, आयोजकों, प्रबंधन और विशेष रूप से कुलगुरु के प्रति आभार व्यक्त किया गया। पर्दे के पीछे निरंतर परिश्रम करने वाले सहयोगियों को नींव की ईंट की संज्ञा देते हुए उनकी मौन सेवाओं का सम्मान किया गया। ‘खेलोत्सव जयघोष 2025’ न केवल छात्रों के लिए क्रीड़ा कौशल का मंच रहा, बल्कि जीवन कौशल, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय भावना को जगाने वाला एक प्रेरणादायी उत्सव बनकर समाप्त हुआ। प्रोफेसर अरविंद पारीक ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। संचालन डॉ राजू शर्मा ने किया तथा आभार प्रो सुभाष चंद्र ने प्रकट किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर सुब्रत, डॉ आशीष पारीक, डॉ लारा शर्मा, ऑब्जर्वर डॉ. दिनेश चौधरी अध्यक्ष नॉमिनी प्रो. रश्मि शर्मा, दयानंद कॉलेज खेल अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह, प्रो नरेश धीमान, डॉ.सूरजमल राव, सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थिति रहे।