जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शिक्षकों को ज्ञान के वाहक बताते हुए कहा है कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने समाज में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाने का काम किया है जिससे राष्ट्रभक्ति और चारित्रिक मूल्यों से युवा संस्कारवान बन रहे हैं।
राष्ट्रीयता और भारतीय दर्शन की भावना से ओतप्रोत होकर इस संगठन से जुड़े शिक्षक प्री-प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि महासंघ राष्ट्रभक्ति और चारित्रिक मूल्यों का संचार करते हुए संस्कारवान युवाओं का निर्माण कर रहा हैं। शर्मा रविवार को जयपुर के जामडोली स्थित केशव विद्यापीठ में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के नौवें अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं और उनकी शिक्षा ही समाज को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है।
उन्होंने कहा कि महासंघ के शिक्षक भारत को ज्ञान में विश्वगुरु, संस्कृति में समृद्ध, मूल्यों में अग्रणी और चरित्र में श्रेष्ठ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। उन्होंने कहा कि 1988 में स्थापित हुआ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ऐसा मंच है जहां ‘राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक, शिक्षक के हित में समाज’ का त्रिसूत्रीय वाक्य साकार होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महासंघ ने समाज में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाने का काम किया है। राष्ट्रीयता और भारतीय दर्शन की भावना से ओतप्रोत होकर इस संगठन से जुड़े शिक्षक प्री-प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि महासंघ राष्ट्रभक्ति और चारित्रिक मूल्यों का संचार करते हुए संस्कारवान युवाओं का निर्माण कर रहा हैं।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। हमारी सरकार ने परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता स्थापित की जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय में केवल पेपरलीक ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पांच वर्ष में चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी के लक्ष्य पर कार्य कर रही है। जिसमें से लगभग 91 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लघु, सीमांत, बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों के लिए सत्र 2024-25 से राजकीय महाविद्यालयों में राजकीय निधि कोष में लिए जाने वाला शुल्क पूर्णतः माफ किया है। यह निर्णय समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, हमने वंचित वर्ग के बच्चों के लिए शुल्क माफी, छात्रवृत्तियां और विशेष प्रावधान भी किए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को विदेशों में रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से भाषायी विद्यालय प्रारम्भ करने जा रही है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में ही विभिन्न विदेशी भाषाओं की परीक्षाएं आयोजित होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 10 लाख 51 हजार साइकिलों का वितरण किया गया है। साथ ही, 88 हजार 724 मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट मय इंटरनेट कनेक्शन निःशुल्क वितरित किए हैं। इससे युवा सक्षम बनेंगे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डा प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि महासंघ से जुड़े शिक्षक राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। वे समाज को अंधकार से उजियारे की ओर ले जा रहे है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा विभाग शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार और उन्नयन के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। पॉलिटेक्निक कॉलेजों को आधुनिकतम बनाया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शर्मा के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। राजस्थान पहले शिक्षा के क्षेत्र में 11वें स्थान पर था जो राज्य सरकार के प्रयासों से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। हम सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों की तुलना में अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य भी कर रहे है।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि महासंघ शिक्षक हितों के साथ शिक्षा, समाज और राष्ट्र निर्माण में महत्पूर्ण भूमिका रहा है। यह देश को दिशा दिखाने का काम कर रहा है जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिवेशन की स्मारिका ‘शिक्षक-राष्ट्र के लिए’, कैलेण्डर तथा ‘शैक्षिक मंथन विकसित भारत-2047’ पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।