कोटा में कास्टिंग और मॉडलिंग फ्रॉड मामले में सिम बेचने वाला दूसरा आरोपी अरेस्ट

कोटा। राजस्थान में कोटा शहर साइबर क्राइम पुलिस ने कास्टिंग और मॉडलिंग के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसते हुए इस मामले के मुख्य आरोपी को फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले दूसरे आरोपी भोला बराता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने मंगलवार को बताया कि आरोपी भोला (20) निवासी पुरानी सब्जी मंडी कोटा शहर को मुख्य आरोपी दीपक मीणा की सूचना पर सोमवार को कोतवाली क्षेत्र कोटा शहर से पकड़ा गया। इससे पहले इस मामले में गिरफ्तार एवं साइबर ठगी का मास्टरमाइंड दीपक मीणा उर्फ दक्ष था। उसने अपने मोबाइल पर फर्जी कास्टिंग कंपनी के अकाउंट बना रखे थे।

दीपक मीणा नन्दिनी श्रीकांत और यश नागरकोटी जैसे छद्म नामों से व्हाट्सएप बिजनेस अकाउंट बनाकर 18 से 25 साल की लड़कियों से चैट करता था। वह उन्हें काम दिलाने का झांसा देकर ई-मित्र के माध्यम से नकद प्राप्त कर ठगी करता था।

गौतम ने बताया कि ठगी में इस्तेमाल होने वाली चार मोबाइल सिम भोला बराता ने दीपक मीणा को उपलब्ध कराई थी। भोला बराता ने यह सिम अपने परिचितों पत्नी, चचेरे भाई, मौसेरी बहन को बहला फुसलाकर उनके नाम से कोटा शहर के बोरखेड़ा इलाके से निकलवाई थीं। भोला ने ये सिम 1200 रुपए प्रति सिम के हिसाब से 4800 रुपए में दीपक मीणा को बेची थीं। एक सिम पर स्पैम रिपोर्ट होने पर भोला द्वारा उपलब्ध कराई गई नई सिम उपयोग में ली जाती थी।

उन्होंने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब फरियादी ई-मित्र संचालक समीर ने 21 सितम्बर को रिपोर्ट दर्ज कराई कि दीपक मीणा उसके अकाउंट में ऑनलाइन रुपए डलवाकर नगद ले जाता था, जिससे उसके अकाउंट पर अलग-अलग जगह से साइबर फ्रॉड की शिकायतें आईं। इस पर बीएनएस एवं आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया गया।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में कारागृह कोटा शहर भेज दिया गया। पुलिस उनके बैंक खातों और उपयोग में लिए गए मोबाइल्स के बारे में जांच कर रही है।