परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज- सिरोही। राजनीतिक पाखंड व्यंग्य के लिए सबसे उपजाऊ जमीन होती है। अशोक चक्रधर, सुरेंद्र शर्मा, काका हाथरसी, शरद जोशी, हरिशंकर परसाई जैसे अनेकों व्यंग्यकारों ने राजनीतिक पाखंड पर अपने व्यंग्यों को सींचा है। इससे लहलहाई फसल ने लोगों को लगातार गुदगुदाया है।
सिरोही भाजपा में भी ऐसे व्यंग्यकार कार्यकर्ता मिल गए हैं। भाजपा संगठन की बदहाली से सिरोही भाजपा के समर्पित पुराने और आम कार्यकर्ता आहट हैं। सिरोही भाजपा के जिला पदाधिकारियों के इसी राजनीतिक पाखंड को भाजपा के कार्यकर्ता के व्यंग्य का शिकार होना पड़ रहा है। इन व्यंग्य बाणों को झेलना और कसमसाकर रह जाना अपने कर्तव्य निष्पादन में विफल भाजपा के नेताओं की मजबूरी बन चुकी है। क्योंकि व्यंग्य के शब्द इतने सम्मानित और सधे रहते हैं कि मन मसोसने अलावा कुछ करने की स्थिति में सिरोही भाजपा पदाधिकारी जनप्रतिनिधि रहते नहीं है।
– शेर आया, बब्बर शेर आया, लेकिन लोढ़ा के लिए जवाब नहीं आया
सूत्रों के अनुसार भाजपा के इस व्यंग्यकार ने अपनी एक पोस्ट में पाली जिले एक कार्यक्रम का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि ‘ शेर आया। बब्बर शेर भी आया। लेकिन शाम होने पर भी संयम लोढ़ा द्वारा भाजपा के नेताओं पर लगाए हुए आरोपों का जवाब कोई नहीं लाया।’ दरअसल, चुनावों के समय में एक नारा चला था। जो भाजपा के विधानसभा प्रत्याशी ओटाराम देवासी के सभाओं और जनता के बीच में पहुंचने पर बोला जाता था। वो नारा था ‘ देखो देखो कौन आया, चामुंडा का शेर आया।’
भाजपा के इस व्यंग्यकार कार्यकर्ता का शेर और बब्बर शेर के माध्यम से निशाना ओटाराम देवासी पर था। दरअसल मुंडारा में भाजपा के नेताओं की आवाजाही लगी रहती है। जिस दिन की घटना का भाजपा के ये व्यंग्यकार कर रहे हैं उसी के दिन पहले सिरोही पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने भजनलाल सरकार और भाजपा पर कुछ आरोप लगाए थे। इस व्यंग्यकार कार्यकर्ता ने इसी की ओर इशारा करते हुए ये लिखा था कि बैठक में शेर यानी कि ओटाराम देवासी और बब्बर शेर यानी उनके करीबी लोग आ गए। ये बैठक और मेल मिलाप शाम तक चला फिर भी संयम लोढ़ा के आरोपो का कोई जवाब नहीं आया था।
– प्रवक्ताओं का जमावड़ा, हर किसी में डर
दरअसल, भाजपा के कार्यकर्ता इस बात से क्षुब्ध हैं कि भाजपा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी तोल के भाव में जिला प्रवक्ता बनाए हैं । लेकिन, सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा द्वारा आरएसएस, भजनलाल सरकार, ओटाराम देवासी, भाजपा संगठन पर लगाए गए आरोपों का जवाब कोई नहीं देता। भाजपा संगठन कार्यकर्ताओं ने कई बार सोशल मीडिया पर इसे लेकर जिला संगठन को खींचते रहे हैं कि इस पद को गाड़ियों के आगे नेम प्लेट के रूप में तो इस्तेमाल कर लिया जा रहा है। लेकिन, विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए जिला संगठन का एक भी पदाधिकारी इन पदों का इस्तेमाल नहीं कर रहा है।
ओटाराम देवासी समर्थक संयम लोढ़ा द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों पर जिला संगठन की इस चुप्पी को ओटाराम देवासी को कठघरे में खड़ा करने की साजिश के रूप में देखते हैं तो शेष कार्यकर्ता जिला संगठन में डर के रूप में। ये और इन जैसे सैंकड़ों पुराने और समर्पित कार्यकर्ता जिला संगठन के नेताओं के इस पाखंड भरे रवैये से परेशान हैं। जो लोग संगठन के लिए जूझने का पाखंड करके पद पर आसीन हो गए और पद मिलने का बाद उस पद के यथोचित कार्य निष्पादन नहीं कर पा रहे हैं उनके लिए ही अब भाजपा के व्यंग्यकार चुटकियां लेने लगे हैं।