लालू यादव की बेटी रोहिणी ने राजनीति छोड़ी, परिवार से नाता तोड़ा

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल की करारी हार तथा पार्टी के महज 25 सीटों पर सिमट जाने के बाद लालू परिवार की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं और अब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को किडनी दान करने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने के साथ राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है।

आचार्य सिंगापुर में रहती हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में सारण सीट पर चुनाव लड़ी थीं,जहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजीव प्रताप रुड़ी के हाथों उन्हें हार मिली थी। रोहिणी आचार्य ने आज एक चौंकाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।

रोहिणी की सोशल मीडिया पोस्ट लालू प्रसाद यादव के राजद परिवार में कथित मतभेदों की ओर इशारा करती है। इसी साल 25 मई को लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को एक महिला को लेकर उठे विवाद के बाद पार्टी और परिवार दोनों से निकाल दिया था। इस कार्रवाई के लिए तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के करीबी संजय यादव को ज़िम्मेदार ठहराया था। बाद में तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई और चुनाव लड़ा, हालांकि महुआ विधानसभा क्षेत्र से लगभग 50 हजार वोटों से हार गए, वहीं महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव कड़े मुकाबले के बाद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।

उल्लेखनीय है कि काफी समय से लालू परिवार में राजद सांसद संजय यादव के प्रभाव को लेकर तनाव देखने को मिलता रहा है। पिछले दिनों तेज प्रताप यादव ने भी परिवार के भीतर मतभेदों के लिए यादव को ज़िम्मेदार ठहराया था।

रोहिणी आचार्य राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की सात बेटियों और दो बेटों में दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की है। इस घोषणा से कुछ महीने पहले भी उन्होंने नाराज हो कर सोशल मीडिया पर पार्टी और परिवार के सभी सदस्यों को अनफॉलो कर दिया था। रोहिणी आचार्य की आज की पोस्ट सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है और इसके साथ ही राजद परिवार के भीतर दरार और मतभेद भी सामने आ गए हैं।