नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बताया कि उसके भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अपार्टमेंट और व्यावसायिक स्थान वाली नौ आलीशान अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। इनका मूल्य लगभग 51.70 करोड़ रुपए है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई एडवांटेज ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (एओपीएल), उसके निदेशकों, गारंटरों और अन्य संबंधित व्यक्तियों, पर की गयी। इसमें कंपनी के मुख्य निदेशक और महत्वपूर्ण लाभार्थी स्वामी श्रीकांत भासी शामिल हैं। इस धोखाधड़ी से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 1,266.63 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कुर्क की गई संपत्तियां श्रीकांत भासी की हैं। भासी ने इन्हें अपनी बेटी को उपहार में दिया था।
दुबई में सेंचुरियन रेजिडेंस-दुबई इन्वेस्टमेंट पार्क सेकंड, दुबई सिलिकॉन ओएसिस, लीवा हाइट्स, बिज़नेस बे और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर रेजिडेंस में स्थित ये विदेशी संपत्तियाँ बैंक धोखाधड़ी से अर्जित अपराध की आय (पीओसी) का उपयोग करके खरीदी गईं। इसके कारण एसबीआई को भारी नुकसान हुआ।
ईडी की जांच से पता चला कि एओपीएल और उसकी संबद्ध संस्थाओं पर नियंत्रण रखने वाले श्रीकांत भासी ने दुबई की संपत्तियां अर्जित कीं। बाद में इन संपत्तियों को जानबूझकर 2022-2023 में गैरकानूनी तरीके से बेटी को उपहार में दे दिया गया, ताकि धन के अवैध स्रोत को छुपाया जा सके। ये संपत्तियाँ एओपीएल और उसकी समूह संस्थाओं द्वारा अवैध व्यापारिक लेनदेन, बैंक निधियों के डायवर्जन, दस्तावेज़ों के जालसाजी, सर्कुलर ट्रेडिंग और अवैध आय के स्तरीकरण के माध्यम से अर्जित धन से खरीदी गई थीं।
जांच के दौरान, यह पता चला कि अप्रैल और मई 2018 के बीच एसबीआई को 20 करोड़ अमरीकी डॉलर (लगभग 1,266.63 करोड़ रुपए) के बारह विदेशी साख पत्र (एफएलसी) हस्तांतरित किए गए। ऐसा तब हुआ जब एओपीएल अनिवार्य मार्जिन आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहा और एलसी रोलओवर के समय धनराशि नहीं डाल सका। जिसके परिणामस्वरूप बैंक को भारी नुकसान हुआ। इस मामले की आगे की जांच जारी है।



