नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को अगले एक वर्ष के लिए विश्व में लोकतंत्र और चुव प्रक्रियाओं की मजबूती के लिए काम करने वाले प्रतिष्ठित संस्थान इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर डेमॉक्रेसी एंड एलेक्टोरल एसिस्टेंस (इंटरनेशनल आईडीईए) के चेयरमैन का दायित्व सौंपा जा रहा है।
चुनाव आयोग की बुधवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक श्री कुमार इंटरनेशनल इंटरनेशनल आईडीईए की महापरिषद की स्टाकहोम (स्वीडन) में होने जा रही बैठक के दौरान आगामी तीन दिसंबर को निकाय के चेयरमैन का पदभार संभालेंगे और वर्ष 2026 के दौरान वह सदस्य देशों की परिषद की सभी बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
इसे वैश्विक स्तर पर भारत के चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा के रूप में देखा जा रहा है। दुनिया में इसकी गणना सबसे विश्वसनीय और नवप्रवर्तनकारी चुनाव निकायों में की जाती है। इंटरनेशनल आईडीईए की स्थापना 1995 में की गयी थी और भारत इसके संस्थापक सदस्यों में हैं। इस समय 35 देशों की सदस्यता वाले इस संस्थान में अमेरिका और जापान को पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है।
कुमार इसके चेयरमैन के रूप में लोकतंत्र और चुनावी प्रणालियों को मजबूत करने के वैश्विक एजेंडा तय करने में एजेंडा को तय करने में दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव कराने भारत के चुनाव आयोग के विशिष्ट अनुभवों का प्रयोग करेंगे। निकाय के देशों के बीच सहयोग चुनाव संबंधी जानकारियों के परस्पर आदान प्रदान की व्यवस्था तथा चुनाव निकायों के बीच पेशेवर संपर्क तंत्र को बल प्रदान करेगा और विश्व में सबूतों पर आधारित चुनावी सुधार में मदद करेगा।
भारत लगभग एक अरब मतदाताओं के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता समूह है। आयोग सबसे विशाल मतदाता समूह में व्यवस्थितऔर पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया चलाने के मामले में अपनी सर्वोत्तम पद्धतियों को अन्य निकायों के साथ साझा करने का प्रयास करेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय चुनाव आयोग के प्रशिक्षण संस्थान – इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट और इंटरनेशनल आईडीईए के बीच साझा कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और अनुसंधान कार्यों में सहयोग के जरिए गलत जानकारी, चुनावी हिंसा और वोटरों के भरोसे में कमी जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक तैयारी को और प्रोत्साहित करेगा।
अपनी शुरुआत से ही, आईआईआईडीईएम न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहा है। इसने अब तक 28 देशों के साथ सहयोग के करार किए हैं। यह 142 देशों के 3169 अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुका है।



