विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर : डॉ. सुधांशु त्रिवेदी
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं। लोग अब रासायनिक खेती के स्थान पर जैविक खेती अपना रहे हैं, चाय-कॉफी के स्थान पर हर्बल टी की ओर रुख कर रहे हैं, और पहले जो एकेश्वरवाद की बात करते थे, वे अब अनेक देवताओं को मानने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में भारत द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन किया है। यूरोपीय देशों के लाखो नागरिक भी अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आने लगे हैं। यह परिवर्तन सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है। यह बदलाव बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है। वे सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन और सनातन संस्था की ओर से आयोजित सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में बोल रहे थे।
गज़वा-ए-हिंद को वैचारिक उत्तर देना होगा : कर्नल आरएसएन सिंह
कार्यक्रम के रणसंवाद–भारत की सामरिक नीति सत्र में रॉ के पूर्व अधिकारी कर्नल आरएसएन सिंह ने कहा कि हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है। हम पाकिस्तान के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, परंतु देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? आज राजनीति में सत्ता पाने का एक माध्यम अंदरूनी पाकिस्तान एवं देशद्रोहियों की मदद लेना बन गया है। अब गज़वा-ए-हिंद के वैचारिक युद्ध का आरंभ करना आवश्यक है।
विंग कमांडर विनायक डावरे ने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम नैरेटिव की लड़ाई हार गए। भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करनी होगी।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल ने कहा कि भारत–चीन 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है। देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।
यूथ फॉर पनून कश्मीर के अध्यक्ष राहुल कौल ने कश्मीरी हिंदुओं के संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। पर्यटन से आतंकवाद रुक जाएगा, इस भ्रम में कोई न रहे। जगती, जम्मू में 16 जनवरी 2026 से एक विशेष अभियान शुरू कर रहे हैं। जम्मू–कश्मीर के हिंदुओं को देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की आवश्यकता है।
दूरदर्शन (डीडी) न्यूज़ के संपादक अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है। वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है। हिंदूफोबिया पर एक रिपोर्ट है। भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएं हुई हैं।
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