सनातन प्रवाह में बाधा डालने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : शेखावत
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उद्घोष है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम की पुनर्स्थापना के बाद समय का चक्र बदल गया है और भारतीय संस्कृति का पुनः उदय दिखाई देने लगा है। देश आज सांस्कृतिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।
सनातन धर्म किसी के विरोध में नहीं है, लेकिन सनातन प्रवाह में बाधा डालने वालों को सहन नहीं किया जाएगा ऐसा वक्तव्य केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। उन्होंने आगे कहा कि सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले ने पिछले 25 वर्षों से न केवल साधकों की आध्यात्मिक उन्नति की है, बल्कि समाज में नैतिकता, राष्ट्रबोध और धर्मचेतना का संचार किया है।
काशी-मथुरा ही नहीं, हर मंदिर की मुक्ति तक संघर्ष जारी रहेगा : विष्णु जैन
अनेक राज्यों में सरकार केवल हिंदू मंदिरों का ही नियंत्रण क्यों लेती है? क्या सरकार को मस्जिदों या चर्चों की अव्यवस्था नजर नहीं आती? मंदिर मुक्ति कानून कब लाया जाएगा? सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक देश का हर अतिक्रमित हिंदू मंदिर मुक्त नहीं होता।
धर्म-अधर्म के संघर्ष में धर्म की ही विजय निश्चित : आलोक कुमार
शंखनाद सदैव धर्म-अधर्म के संघर्ष का प्रतीक है। दिल्ली में हो रहे इस सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव से यह विश्वास बढ़ा है कि धर्म की ही विजय होगी, ऐसा मत विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में दिल्ली में हुए आतंकवादी हमलों से यह स्पष्ट हुआ है कि जिहाद का संबंध अशिक्षा या गरीबी से नहीं, बल्कि कट्टर मानसिकता से है।
जनसंख्या जिहाद पर रोक आवश्यक : डॉ. सुरेश चव्हाणके
सुदर्शन न्यूज नेटवर्क के प्रधान संपादक डॉ. सुरेश चव्हाणके ने कहा कि हिंदू शारीरिक युद्ध में सक्षम है, पर वैचारिक संघर्ष में वह पीछे रह गया है। हम दो, हमारे दो की नीति से हिंदुओं का जनसंख्या अनुपात तेजी से घटा है। देश की सुरक्षा हेतु एनआरसी लागू कर घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना अब अत्यावश्यक हो गया है।






