तिरुवनंतपुुुरम में भाजपा की जीत से महापौर पद को लेकर अटकलें तेज

तिरुवनंतपुरम। केरल के तिरुवनंतपुरम में नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अप्रत्याशित जीत के बाद नगर प्रशासन के नेतृत्व को लेकर अटकलें तेज हो गई है।

बताया जा रहा है कि महापौर पद की रेस में पूर्व पुलिस महानिदेशक आर श्रीलेखा और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष वीवी राजेश सबसे आगे चल रहे हैं। श्रीलेखा का नाम चुनाव प्रचार के दौरान भी संभावित महापौर उम्मीदवार के रूप में बार-बार सामने आया था।

श्रीलेखा का कहना है कि अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर से बात करनी होगी। उनसे यह सवाल पूछना लाजिमी रहेगा। फिलहाल मैं पार्षद के रूप में अपनी भूमिका से खुश हूं।

उनसे जब पूछा गया कि क्या पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी को अंतिम रूप देने से पहले कोई आश्वासन दिया था या भविष्य की जिम्मेदारियों पर चर्चा की थी, तो श्रीलेखा ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई चर्चा या आश्वासन नहीं आया है। पार्टी ने मुझे पार्षद के रूप में चुनाव लड़ने के लिए कहा और मैंने खुशी-खुशी इसे स्वीकार कर लिया। बस इतना ही।

श्रीलेखा ने सस्थामंगलम वार्ड से निर्णायक अंतर से जीत हासिल की है और पार्टी द्वारा सौंपी गई किसी भी जिम्मेदारी को निभाने की अपनी तत्परता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता हमेशा जनसेवा और प्रभावी शासन रहेगी।

वह पिछले कुछ हफ्तों से लोगों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही हैं और उनकी चिंताओं को ध्यान से सुन रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं उनकी समस्याओं से पूरी तरह अवगत हूं। उनकी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा किया जाना चाहिए। मैं उनकी समस्याओं को स्पष्ट रूप से समझती हूं।

केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और पहली महिला डीजीपी श्रीलेखा ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन के नेतृत्व में अक्टूबर में औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हुईं। उनके विशिष्ट पुलिस करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं शामिल हैं, जिनमें चेरथला, त्रिशूर, पथानामथिट्टा और अलाप्पुझा में एसपी, सतर्कता विभाग और अपराध शाखा में महत्वपूर्ण पद और डीआईजी, आईजी और एडीजीपी जैसे वरिष्ठ नेतृत्व पद शामिल हैं। उनकी अंत में अग्निशमन बल प्रमुख के रूप में भूमिका चरम पर रही।

गौरतलब है कि तिरुवनंतपुरम नगर निगम की 101 सीटों में से 50 पर राजग की जीत के बाद एलडीएफ का चार दशकों से अधिक का वर्चस्व समाप्त हो गया है और भाजपा में महापौर पद को लेकर आंतरिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।