तिरुवनंतपुरम। केरल के तिरुवनंतपुरम नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान रविवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने परिषद हॉल के भीतर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक प्रार्थना गणगीत गाया।
शपथ ग्रहण समारोह में कुल 100 पार्षदों ने शपथ ली, जिनमें भाजपा के 50, वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के 29, संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के 19 और दो निर्दलीय पार्षद शामिल थे। औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद भाजपा पार्षद अपनी जगह पर खड़े हो गए और ‘परम पवित्र’ शब्दों से शुरू होने वाले गणगीत का गान किया। पारंपरिक रूप से यह गीत आरएसएस की शाखाओं में गाया जाता है।
भाजपा पार्षदों के इस कदम का विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। एलडीएफ पार्षदों ने आरोप लगाया कि एक आधिकारिक नागरिक समारोह के दौरान एक विशिष्ट वैचारिक संगठन से जुड़ा गीत गाना मर्यादा का उल्लंघन है। उन्होंने इसे संवैधानिक ढांचे में धार्मिक और वैचारिक प्रतीकों को शामिल करने का प्रयास बताया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पार्षदों ने इसे सांप्रदायिक एजेंडा थोपने और औपचारिक संवैधानिक समारोह की पवित्रता को कम करने की कोशिश करार दिया।
आलोचनाओं का जवाब देते हुए भाजपा पार्षदों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गणगीत एक सांस्कृतिक और भक्तिपूर्ण प्रार्थना है और इसका उद्देश्य विवाद पैदा करना नहीं था। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अन्य दलों के सदस्यों ने भी समारोह के दौरान नारेबाजी की थी और उनके इस कृत्य से शपथ ग्रहण प्रक्रिया के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है।
यूडीएफ के कुछ पार्षदों ने भी इस पर अपनी असहजता व्यक्त की। कांग्रेस के एक पार्षद ने टिप्पणी की कि औपचारिक संवैधानिक समारोह के दौरान इस तरह की घटना उचित नहीं थी। इस समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर और प्रकाश जावड़ेकर जैसे वरिष्ठ केंद्रीय नेता भी मौजूद थे। कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड और कन्नूर में भी शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए गए। राज्य में ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों, जिला पंचायतों और नगर परिषदों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए गए।



