जयपुर/चित्तौड़गढ़। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने मंगलवार को कहा कि जब भारतीयों का स्वाभिमान बढ़ेगा, तब स्वदेशी भावना स्वतः सशक्त होगी और स्वदेशी से ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
बागड़े ने मंगलवार को मेवाड़ की शौर्यभूमि चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वीरों, भामाशाहों और स्वाभिमान की भूमि मेवाड़ से स्वदेशी महोत्सव के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का संदेश जाना अत्यंत प्रेरक पहल है। उन्होंने कहा कि हम स्वदेशी के माध्यम से विदेशी वस्तुओं के गुणवत्तापूर्ण, सस्ते और टिकाऊ विकल्प प्रस्तुत करके विदेशी कंपनियों के वर्चस्व को समाप्त कर सकते हैं। हमें उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए अपने गौरवशाली इतिहास को स्मरण रखना होगा। रावलपिंडी और तक्षशिला हमारे ही इतिहास की गौरवशाली विरासत हैं और रावलपिंडी का नाम चित्तौड़गढ़ के महानायक बप्पा रावल के नाम पर है।
बागडे ने कहा कि भारत अब विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। एक समय था जब देश को गेहूं आयात करना पड़ता था, लेकिन अब 140 करोड़ जनता का पेट भरने के बाद भी हम अनाज का निर्यात कर पा रहे हैं, यह स्वदेशी की ताकत का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारत का विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भी स्वदेशी अवधारणा का ही परिणाम है। वर्ष 1905 में प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन के 120 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी हमारा पूर्ण स्वदेशी न बन पाना हम सभी के लिए चिंतन का विषय है। आजादी से पूर्व भारतवासियों द्वारा कपास से बने कपड़ों का उपयोग करके स्वदेशी का उद्घोष किया था।
बागडे ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की ओजस्वी कविता की पंक्तियों का स्मरण किया, जिनमें चित्तौड़गढ़ के जौहर, त्याग और अमर बलिदान का स्मरण है। अटल जी की पंक्तियों – अकबर के पुत्र से पूछो, क्या याद है तुम्हें मीना बाजार, क्या तुम्हें याद है चित्तौड़गढ़ में जलने वाली आग प्रखर,जब सहस्त्र माताएं तिल-तिल कर जलकर हो गईं अमर” का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह आग बुझने वाली नहीं है बल्कि वह अब भी चित्तौड़ की मिट्टी, उसकी रग-रग और जन-जन के संस्कारों में समाई हुई है।
स्वागत उदबोधन में स्थानीय सांसद चन्द्र प्रकाश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी के प्रति समर्पण और प्रेरणा का मूर्त रूप ही चित्तौड़गढ़ में आयोजित यह स्वदेशी महोत्सव है। स्वदेशी से आत्मनिर्भर बनने के मंत्र के साथ अब भारत विश्व पटल पर अपनी सशक्त पहचान बना रहा है। उन्होंने छह दिवसीय इस आयोजन को स्वदेशी भावना को समर्पित बताया। इस अवसर पर बागड़े ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान करते हुए उपस्थित जनसमूह को स्वदेशी का संकल्प भी दिलाया।



