परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-आबूरोड। आबूरोड अपने बिरली घटनाओं के जाना जाता है। इसी तरह की एक अनोखी घटना शनिवार से आबूरोड में चर्चा का केन्द्र बनी हुई थी। ये मुद्दा था एक व्हाट्सएप स्टेट्स का। इस स्टेटस ने पूरी सरकारी व्यवस्था को इस तरह से उघाडा कि इसमें निशाना बनाए गए व्यवस्था के हर हिस्से को इससे आपत्ति भी हुई। 24 घंटे में स्टेटस डिसअपीयर हो जाता है। ये भी हो गया। लेकिन, छोड गया एक लम्बी चर्चा।
ये लिखा था स्टेटस में
हाल में झालावाडा में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की जान चली गई थी। इसके बाद मीडिया में प्रदेश के शिक्षा मंत्री का सारे स्कूलों को दुरुस्त करने की असमर्थता का बयान वायरल हुआ। इस व्हाट्सएप स्टेटस में इसी को लेकर दर्द और तंज था।
आबूरोड के सोशल मीडिया ग्रुप्स पर वायरल हो रहे इस स्टेटस स्क्रीनशाॅट के अनुसार इसमें नेताओं और सरकारी कार्मिकों दोनों पर ही सवाल उठाए गए थे। इसमें लिखा था कि विद्यालय में कक्षाकक्ष मरम्मत एवं कक्षाकक्षा के नवनिर्माण के लिए सरकार के पास बजट नहीं है तो सभी मंत्री संतरियों के कुल वेतन में पचास प्रतिशत राशि की कटौती करके विद्यालय के कक्षाकक्ष निर्माण एवं मरम्मत में लगाना चाहिए। उनको कमाने के लिए नहीं भेजा है, समाज सेवा के लिए भेजा है।
इसमें आगे सरकारी कर्मचारियों को आडे हाथों लिया गया है। दूसरे पैराग्राफ में लिखा है कि इसी तरह सरकारी कर्मचारियों के भी ग्रीष्मकालीन वेतन की पचास प्रतिशत राशि काट कर विद्यालयों के कक्षाकक्ष निर्माण एवं मरम्मत में लगानी चाहिए, क्योंकि उनको भी फाॅर्नच्यूनर खरीदकर ग्रीष्मकाल में घर पर बैठे छुट्टियों का वेतन आराम के साधनों से सुख भोगने के लिए नहीं दिया जाता है। समाज सेवा के लिए दिया जाता है। खुद की बहुमंजिला इमारत चमका देते हैं।
सरकारी तंत्र में न्यायालय और शिक्षा विभाग को छोडकर किसी भी विभाग में गर्मियों की छुट्टियां नहीं पडती। न्यायिक सेवा में मुट्ठी भर संख्या है जबकि शिक्षा विभाग में बेतहाशा लोग है। ऐसे में यहां पर जिन सरकारी कार्मिकों को जिक्र किया जा रहा है उसे शिक्षा विभाग से जोडकर देख जा रहा है। इसलिए इस स्टेटस को लेकर प्रतिक्रिया ज्यादा आ रही है।
चर्चा इसलिए
दरअसल, इसमें कुछ ऐसा नहीं लिखा जो झालावाड की घटना के बाद सोशल मीडिया पर लिखा नहीं जाता रहा हो। लेकिन, मुद्दा इस बात को लेकर है कि इस स्टेटस को लगाना वाला कौन है। दावा ये किया जा रहा है कि ये स्टेटस एक सरकारी कर्मचारी ने ही लगाया। वो उस विभाग के जिस विभाग की अनियमित कार्यप्रणाली और वहां के नेताओं से पूरा आबूरोड किसी ना किसी रूप से परेशान या त्रस्त भी रहा है। इन्हीं के विभाग के इन्हीं के सेक्शन की कई सूचनाएं छिपाने का आरोप की खबरे भी मीडिया की सुर्खियां बनी रहती हैं। इस स्टेटस के वायरल होने के बाद कहा ये जा रहा है कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे।
आरएसएस कार्यालय में साधु अवधेशानंद की हत्या के मामले में तत्कालीन प्रचारक को उम्रकैद
https://www.sabguru.com/life-imprisonment-to-the-former-rss-pracharak-in-the-case-of-murder-of-sadhu-avdheshanand-in-rss-office