परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-आबूरोड। राम नाम की लूट मची है लूट सके तो लूट ये कहावत धार्मिक लाभ से जुडी हुई है। इसका मतलब ये है कि दुनिया में राम का नाम लेने में किसी तरह की कोई शुल्क नहीं है, ऐसे में दिनरात इनका नाम लेकर अपने परलोक को सुधार सकते हैं। लेकिन, साहित्य में इसे आर्थिक लाभ से भी जोडा जाता है।जब किसी काम में असीमित भ्रष्टाचार हो और कोई उस पर ध्यान देने वाला न हो तब भी इस कहावत का इस्तेमाल किया जाता है।
आबूरोड नगर पालिका ने इस दशहरा पर आबूरोड वासियों को धार्मिक लिहाज से रावण नाम पर लूट करवाई है, ऐसे में आबूरोड वासी दशहरा महोत्सव को लेकर होने वाले विभिन्न आयोजनों में मनोरंजन की लूट मचा सकते हैं। आबूरोड नगर पालिका ने उनके लिए इस दशहरा पर रावण दहन के अलावा अन्य मनोरजंन के कार्यक्रम भी करवाएगी।
– करीब 70 लाख का खर्च
आबूरोड का दशहरा सिरोही जिले का अब तक का शायद सबसे महंगा दशहरा होने वाला है। आबूरोड नगर पालिका के अध्यक्ष मगनदान चारण और अधिशासी अधिकारी दीपिका वीरवाल इसमें करीब 70 लाख रुपये खर्च करेंगे। ये श्रेय इन दोनों को इसलिए दिया जाना जरूरी है क्योंकि इसमें जो प्रक्रिया अपनाई गई है उससे ये प्रतीत हो रहा है कि इन्हें शेष 39 पार्षदों की सहमति मिलने को लेकर अविश्वास रहा होगा।
इसके लिए जारी किए गए टेंडरों की राशि से तो कम से कम यही प्रतीत हो रहा हैं इसलिए दोनों ने अपने वित्तीय अधिकार क्षेत्र में जितना काम आता था उतना कर दिया। एक ही कार्यक्रम के अलग अलग टुकडों में नौ-नौ लाख रुपये के करीब सात टेंडर जारी किए हैं। ये जरूरत तभी पड़ती है जब या तो पार्षदों को दरकिनार करना हो या फिर पार्षदों के द्वारा सहमति मिलने में संशय हो।
– पहुंचाएंगे इस तरह लाभ
शहर भर में लगे होडिग में नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और अधिशासी अधिकारी की तरफ से आमंत्रण दिया गया है। हालांकि एक ही काम के अलग अलग टेंडर जारी करने की मजबूरी के बारे में पूछने पर नेता प्रतिपक्ष कांतिलाल परिहार ने ये बताया कि दशहरा महोत्सव को लेकर होने वाले आयोजन को लेकर किसी प्रस्ताव में उन लोगों को शामिल नहीं किया गया था। नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी ने इस मजबूरी की जानकारी देने के लिए फोन रिसीव ही नहीं किया। दशहरा महोत्सव के दौरान बुधवार को बाॅलीवुड नाइट होगी। इसी तरह से दो अक्टूबर को महारामलील और रावण, मेघनाद व कुम्भकर्ण के पुतलों को दहन होगा। इसके साथ ही अतिशबाजी भी होगी।
वहीं तीन अक्टूबर को गरबा नाइट होगी। इसमें रामायण चित्रण, बाॅलीबुड नाईट, गरबा रास, लेजर शो, लाइट डेकोरेशन और टेंट के कार्य के लिए प्रत्येक का नौ लाख 90 हजार रुपये का टेंडर जारी किया गया है। ऐसे में इन छह कामों पर उनसठ लाख चालीस हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं रावण, मेघनाद व मेघनाद के पुतलों के साथ अतिशबाजी और शोभायात्रा के लिए तीन तीन लाख रुपये के टेंडर जारी किए गए हैं। कुल मिलाकर दशहरे पर करीब 69 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।