सबगुरु न्यूज-सिरोही। पूरा देश पछले कुछ सालों से सड़क पर घूमने वाले उन आवारा कुत्तों के आतंक में जी रहा था। तथाकथित डॉग लवर्स और विदेशों से आ रहे चंदे के दम पर कम करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं आम भारतीय की जान के दुश्मन बन चुके थे। सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली के लिए दिया गया नया आदेश देशभर के लोगों को आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और जानलेवा हमलों से सुरक्षित के पाएगा। सुप्रीम कोर्ट बाद ने सड़क पर घूम रहे कुत्तों को शेल्टर होम बनाकर उनमें रखने के आदेश दिया हैं। इसके ठीक अगले दिन राजस्थान हाइकोर्ट ने भी इंसानों की जान के दुश्मन बन चुके आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने की रहें बाधा डालने वालों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राजस्थान में लागू करने के लिए संभवतः अतिरिक्त आवेदन लगाना होता, लेकिन राजस्थान हाइकोर्ट के भी ऐसे ही निर्णय से अब राजस्थान सरकार को भी इस पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी।
– डॉग लवर्स के आतंक से परेशान थे निकाय
सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिल्ली- एनसीआर के लिए दिया अगले ही दिन वैसा ही आदेश राजस्थान हाइकोर्ट ने भी दे डाला। अब राजस्थान के सभी निकाय आवारा कुत्तों को शेल्टर हाउस में भेज सकेंगे। अपने अपने राज्यों को भी आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलवा सकती हैं। सिरोही और आबूरोड में भी आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और इनके काटने के मामले बढ़ रहे थे। कुछ मामलों में लोगों की जान भी गई। पिछली सरकार में सिरोही जिला चिकित्सालय में आवारा कुत्ता वार्ड में से एक शिशु को ले जाकर मार दिया था। इसके बाद जब कुत्तों को पकड़ने की मुहिम नगर निकायों ने चलाई तो कथित डॉग लवर्स ने नगर निकायों में जाकर भयंकर आतंक मचाया। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाइ कोर्ट के आदेश के बाद आवारा कुत्तों बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए इन्हें शेल्टर होम में डालने के मार्ग में आने वाले इन डॉग लवर्स पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं। पहले मेनका गांधी और इन जैसे अन्य नेताओं की एनजीओ इस तरह की कार्रवाई करने पर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देकर उन्हें मानसिक प्रताड़ित करते थे।
– बढ़ते डॉग बाइट की आफत
सिरोही जिले में 2024 में डॉग बाइट्स के करीब आधे तीन हजार मामले आए थे। देश के अन्य इलाकों की तह ही सिरोही और आबूरोड में भी लोगों पर जानलेवा हमला करने वाले वाले कुत्तों को पकड़ने पर हंगामा करने के कई मामले सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन डॉग लवर्स को आड़े हाथों लेते हुए पूछा है कि इन स्ट्रीट डॉग्स के काटने से जान गंवाने वाले बच्चों और बुजुर्गों की जिंदगी वो वापस ला सकते हैं क्या? भारत में पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत अन्य जानवरों के साथ साथ कुत्तों को भी क्रूरता से संरक्षित करने का प्रावधान है। वहीं पशु जन्म नियंत्रण नियम 2001 में प्रावधान किया गया था कि कुत्तों को पकड़ो, नसबंदी करो और छोड़ दो। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश में कुत्तों को पकड़कर शेल्टर हार में डालने और नसबंदी करने के बाद छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। इन शेल्टर हाउसेज में रखे गए कुत्तों पर सीसीटीवी से नजर रखने का आदेश दिया है ताकि कोई भी कुत्ता शेल्टर हाउस से बाहर नहीं निकल पाए। राजस्थान हाइकोर्ट ने तो यहां तक कहा है कि यदि जानलेवा हो चुके घुमंतू जानवरों को यदि किसी की खाना खिलाना है तो लोग जाकर शेल्टर हाउस या गोशालाओं में खिलाएं।
– सड़कों को भी करना होगा मुक्त
राजस्थान हाइकोर्ट ने अपने आदेश को और व्यापक बनाया है। इसमें कुत्तों। के अलावा सड़कों पर जानलेवा बन चुके अन्य पशुओं को भी हटाने के आदेश जारी किए है। ऐसे में अपने गोवंश को दुहकर सड़कों पर छोड़ देने वाले पशुपालकों को भी आगे से इसका ध्यान रखना होगा। हाइकोर्ट ने इसके लिए सभी निकायों को शिकायत नंबर, ईमेल सार्वजनिक करने का। आदेश भी दिया है। उसने राज्य और राष्ट्रीय। राजमार्ग प्राधिकरण को भी नियमित रूप से पेट्रोलिंग करके हाइवे और सड़कों को आवारा पशुओं से मुक्त करने के आदेश दिया हैं।