लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ के कुछ ही घंटों बाद समाजवादी पार्टी ने विधायक पूजा पाल को गंभीर अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
दरअसल पूजा पाल ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा था कि प्रयागराज में उनकी नीतियों ने महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित किया और उन्होंने अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की, जिन पर उन्होंने अपने पति की हत्या का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे न्याय दिलाया, जब किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। इस तारीफ के कुछ ही घंटों में सपा ने कड़ी कार्रवाई की। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हस्ताक्षरित और 14 अगस्त की तारीख वाले एक आधिकारिक पत्र में उनके निष्कासन की वजह पार्टी विरोधी गतिविधियों और गंभीर अनुशासनहीनता को बताया गया है।
पत्र में कहा गया है कि पूर्व चेतावनियों के बावजूद, पूजा पाल ने अपनी गतिविधियां बंद नहीं कीं, जिससे पार्टी को काफ़ी नुकसान हुआ। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है और अब उन्हें सपा के किसी भी कार्यक्रम या बैठक में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
उनकी टिप्पणी पर समाजवादी पार्टी में तीखी प्रतिक्रिया हुई। मुख्य सचेतक कमाल अख्तर ने उनके बयान को निजी मामला बताते हुए कहा कि अगर वह पार्टी से असहमत थीं, तो उन्हें पार्टी में नहीं रहना चाहिए था। मंत्री जेपीएस राठौर ने मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अतीक अहमद के अपराधों के कारण वर्षों तक पीड़ित रहने के बाद पूजा पाल की शिकायतों का समाधान किया गया।