पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों के कार्यों का नाम बदलना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति : गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार द्वारा अपने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों के कार्यों का नाम बदलने को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताते हुए कहा है कि राजग नाम बदलने के लिए किस स्तर तक जाएगी यह समझ के परे है। गहलोत ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर यह बात कही।

उन्होंने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री को तो गर्व होना चाहिए कि इस देश को पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे पहले प्रधानमंत्री मिले, जिन्होंने 17 साल के कार्यकाल में मजबूत भारत की आधारशिला रखी और आईआईटी, आईआईएम, बीएआरसी, भेल, योजना आयोग, भाखड़ा नांगल बांध, नागार्जुन सागर बांध समेत तमाम प्रीमियर संस्थान और परियोजनाएं बनाईं जिनकी भारत के विकास में अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि नॉन अलाइन मूवमेंट और पंचशील के सिद्धांत पंडित नेहरू की देन हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के साथ ही आजाद हुए छह गुना कम आकार और जनसंख्या वाला पाकिस्तान आज बर्बाद होने की कगार पर है। वहां जनता के लिए भोजन तक उपलब्ध नहीं है और आर्थिक स्थितियों से गृह युद्ध के हालात बने हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समझ नहीं आता कि ऐसे महान व्यक्ति जिस घर में 16 साल रहे, जिस जगह की पहचान ही नेहरूजी के नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में है, उसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर वो क्या हासिल करना चाहते हैं।