भजन लाल शर्मा ने ली राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ

जयपुर। राजस्थान में जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा ने शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति में राज्यपाल कलराज मिश्र ने रामनिवास बाग में आयोजित भव्य समारोह में शर्मा को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने हिन्दी में शपथ ली। मिश्र ने इस अवसर पर दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन दोनों ने भी हिन्दी में शपथ ली।

समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स़ड़क परिवहन एवं राजमर्गा मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी, पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं डा सतीश पूनियां शामिल हुए।

इसी तरह समारोह में सांसद रामचरण बोहरा एवं घनश्याम तिवाडी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन पटेल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं नगालैंड के उपमुख्यमंत्री यानथुंगो पैटन भी मौजूद थे। इसके अलावा शपथ ग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित विधायक, स्वयंसेवक और बड़ी संख्या में आए लोग इसका हिस्सा बने। इस दौरान प्रदेशभर से पधारे साधु-संतों ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को आशीर्वाद दिया।

शपथ ग्रहण समारोह से पहले पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान की धुन का वादन हुआ। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने शपथ ग्रहण से संबंधित कार्यवाही का संचालन किया। बाद में सभी ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का अभिनंदन करते हुए उन्हें बधाई दी। कार्यक्रम का समापन पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान की धुन के साथ हुआ।

शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री शर्मा ने शासन सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे और उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना कर अपना पदभार संभाला। इस अवसर पर अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, राजस्थान विधानसभा के मनोनीत अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डॉ. प्रेम चंद बैरवा, वसुंधरा राजे, सीपी जोशी, रामचरण बोहरा, विधायक कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, दीप्ति किरण माहेश्वरी, महंत बाल मुकुंदाचार्य, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां, पूर्व मंत्री अरूण चतुर्वेदी, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, मौजूद थे।

इस दौरान राजे ने भजनलाल शर्मा के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद भी दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अभिवादन कर शर्मा का स्वागत किया। मुख्यमंत्री शर्मा ने शासन सचिवालय स्थित गणेश मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रदेश में खुशहाली और सुख समृद्धि के लिए कामना की। इसके साथ ही उन्होंने उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी को भी पदभार ग्रहण कराया।

दिया कुमारी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, जयपुर सासंद रामचरण बोहरा की मौजूदगी में पूजा अर्चना के बाद अपना कार्यभार ग्रहण किया।

उल्लेखनीय है कि गत 25 नवंबर को हुए विधानसभा आम चुनाव-2023 में 115 सीटों के साथ भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया और मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई जिसमें सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए भजन लाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया जबकि विद्याधरनगर से विधायक दिया कुमारी और दूदू से प्रेम चंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री तथा अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष मनोनीत किया गया।

विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 115 सीटों पर जीत हासिल कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। श्रीगंगानगर जिले में करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था जहां अब पांच जनवरी को मतदान होगा।

इस बार विधानसभा चुनाव के बाद करीब दस दिन तक मुख्यमंत्री के नाम को लेकर राजे, विधायक बालकनाथ सहित लगभग एक दजर्न नेताओं के नाम की काफी चर्चाएं चली लेकिन मोदी ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी सारे अनुमानों को फेल कर चौंकाते हुए भजनलाल को मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया।