अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के सरिस्का के पांडुपोल हनुमान मंदिर स्थित बूढ़े हनुमान मंदिर के महंत से मारपीट करने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है।
संत के समर्थन में कुछ संगठन और सर्वसमाज के लोग उतर आए हैं। सोमवार को विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी अलवर के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मिले और दोषियों को सजा देने की मांग की।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इन अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बूढ़ा हनुमानजी मंदिर पाण्डुपोल, टहला आश्रम निवासी संत 1008 महंत महाराज के साथ 28 अगस्त को कुछ असामाजिक तत्वों ने मालाखेड़ा में बेहरमी से मारपीट की। उनके बाल खींचे गए, बेबुनियाद आरोप लगाए गए। पुलिस ने अब तक इस मामले की जांच भी नहीं की।
विहिप के रामदयाल मीणा ने कहा कि अगर पांच दिनों में आरोपी नहीं पकड़े गये, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। विहिप के प्रदेश संयोजक प्रेम सिंह राजावत ने इस घटना को सनातन का अपमान बताते हुए इस घटना की निंदा की है।
विहिप के जिला अध्यक्ष विजेंद्र खंडेलवाल ने इस घटना को हिंदू समाज एवं संतों के सम्मान पर आघात करार दिया। ज्ञापन में कहा गया कि अगर जांच में संत दोषी पाए जाते हैं, तो कार्रवाई की जाणए, लेकिन यदि वह निर्दोष हैं, तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। परिषद ने मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने एवं दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि गत 28 अगस्त को मंदिर के महंत के खिलाफ एक युवक और एक किशोर ने अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था, जिसकी टहला पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद बाबा को धोखे से मालाखेड़ा बुलाया गया, जहां बाबा के साथ करीब 25 लोगों ने मारपीट की।