इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गुरुवार को पुलिस मुठभेड़ में कथित ईशनिंदा के आरोपी एक डॉक्टर की मौत हो गई और जब परिजन शव को दफनाने के लिए ले जा रहे थे तब भीड़ ने शव को आग के हवाले कर दिया।
‘डॉन’ रिपोर्ट के अनुसार यह घटना ईशनिंदा को लेकर है, जिसमें डॉक्टर ने एक दिन पहले अपने फेसबुक पेज पर ईशनिंदा से जुड़ी कथित सामग्री साझा की थी। जिसके बाद, इस सामग्री का विरोध कर रहे धार्मिक दलों ने उनके खिलाफ उमरकोट थाना में शिकायत दर्ज कराई। उन पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा (पवित्र पैगंबर के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी आदि का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया।
सिंधरी स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) नियाज खोसो ने संदिग्ध की मौत की पुष्टि की और कहा कि आरोपी ने और उसके साथी ने अधिकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसके बाद, जवाबी कार्रवाई में संदिग्ध को गोली मार दी गई, लेकिन उसका आरोपी साथी भाग गया।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के बाद शव को परिवार को सौंप दिया गया लेकिन जब परिवार के सदस्य उसे दफनाने के लिए पैतृक गांव जनहेरो ले जा रहे थे, तभी भीड़ ने शव लेने के लिए उन पर हमला किया। इस घटना के बाद परिजन नबीसर थार वापस चले गए, लेकिन भीड़ ने उनका पीछा किया। परिजन शव को वाहन में छिपाकर जनहेरो लौटे, तो भीड़ ने शव छीनकर उसे आग के हवाले कर दिया।
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में, डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था और वह ईशनिंदा वाली सामग्री साझा करने की कल्पना भी नहीं कर सकते।