सत्तापक्ष की जिलाध्यक्ष और विपक्ष की नगर अध्यक्ष महिला, आबूरोड में सुविधाओं को तरस रही महिलाएं

आबूरोड में बस स्टैंड के पास महिलाओं के लिए रखवाए गए अस्थाई शौचालय के चारों ओर टैक्सियों का जमावड़ा।

सबगुरु न्यूज-आबूरोड। सिरोही जिला वो जिला है जिसमें सत्ताधारी दल के महिला मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष है। सत्ताधारी दल ने महिला सशक्तिकरण के प्रति विश्वास दिखाने के लिए जिलाध्यक्ष भी महिला को बनाया। ये एक बानगी है।

यहां के प्रमुख शहर आबूरोड के अकर्मण्य विपक्ष की नगर अध्यक्ष भी महिला है। फिर भी आबूरोड बस स्टैंड पर महिलाओं के लिए सुविधाओं की जो बदहाली है वो सत्ता और विपक्ष के महिला नेतृत्व की महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता की पोल खोलती है। सत्ता और विपक्ष ने जनता का वो मिथक तोड़ दिया है कि महिलाओं के हाथ में नेतृत्व होगा तो ये लोग महिला सम्मान और सुविधाओं के प्रति जागरूक होंगी।

-महिला शौचालय सुविधा का अभाव

आबूरोड का बस स्टैंड यहां के पर्यटन स्थल माउंट आबू और गुजरात के धर्मस्थल अंबाजी तक जाने के लिए साधन पकड़ने का प्रमुख स्थान है। यहां से गुजरात समेत देश के कई राज्यों के पर्यटक माउंट आबू और अंबाजी जाने के लिए बस पकड़ते हैं। लेकिन यहां पर महिला शौचालय की सुविधा का पिछले चार पांच महीने से अभाव है। इससे यहां पर आने वाले महिला पर्यटकों को सुविधा के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

यूं यहां पर महिलाओं के लिए सुविधा के अभाव में नगर पालिका का मोबाइल टॉयलेट रखवाया हुआ है। लेकिन ये इतना गंदा रहता है कि इसका इस्तेमाल करना तो दूर इसके पास खड़ा भी रहना दूभर है। यूं नगर पालिका साल में लाखों रुपए एसिड फिनायल खरीदने में बर्बाद करती है। लेकिन उसका इस्तेमाल कहां करती है, करती है भी या नहीं करती है ये न तो महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के संगठन के बोर्ड ने और न ही महिला नगर अध्यक्ष के विपक्ष ने इस ओर ध्यान दिया। महिला होने का फायदा महिलाओं को मिलने की जिस आशा संगठन ने इन लोगों को ये जिम्मेदारी सौंपी उसका इस्तेमाल इसी बस स्टैंड के सामने मंच सजाकर मालाएं पहनने और अपने नेताओं को मालाएं पहनाने से ज्यादा नहीं हुआ है।

आबूरोड में रिनोवेशन के लिए महीनों से बंद किए गया शौचालय ।

– महिला सम्मान तो ताक में

जिस स्थान पर नगर पालिका का मोबाइल शौचालय लगवाया है। इसकी गंदगी के आलम के साथ यहां की दूसरी समस्या है निजता की। इसी टॉयलेट के पास में टैक्सियां खड़ी रहती हैं। ये टैक्सी स्टैंड वैध और या अवैध ये इसके ठीक सामने बने शहर पुलिस थाने को जानना है। लेकिन, आड नहीं होने की वजह से निजता नहीं रहने के कारण भी महिलाएं इसमें जाने से हिचकिचाती हैं।

– पांच महीने से टूटा पड़ा है शौचालय

बस स्टैंड पर लंबा चौड़ा शौचालय बना हुआ है। लेकिन इस पर तला लगा हुआ हैं। इसका इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा है ये। दरअसल यहां पर एक शौचालय था। उसे रिनोवेट किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो रिनोवेशन के लिए करीब पांच महीने पहले शौचालय की अंदरूनी तोड़फोड़ की थी। तब से ये काम पूरा ही नहीं हुआ है। इतने समय में नया मकान खड़ा हो जाता है और रोडवेज प्रशासन एक शौचालय नहीं बनवा पा रहा है।

यूं फेसबुक व्हाट्स एप पर अपनी फोटो वीडियो अपलोड करवाकर अपने गुट के कार्यकताओं से महिमा मंडन करवाने वाले सांसद और विधायक भी चाहते तो इस तरफ ध्यान दे सकते थे कि आखिर क्यों इस शौचालय को बनाने में इतना समय लग रहा है। लेकिन, ये दोनों भी मालाएं पहनकर महिला दिवस पर महिला सशक्तिकरण के भाषण देने से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं।