बेंगलूरु। कर्नाटक के हाईप्रोफाइल मामले में बेंगलूरु की एक विशेष अदालत ने शनिवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हासन के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को 47 वर्षीय घरेलू सहायिका से दुष्कर्म करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
आजीवन कारावास की सजा के अलावा अदालत ने रेवन्ना पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें से 7 लाख रुपए पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। अदालत ने रेवन्ना को यह सजा दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, ताक-झांक, साक्ष्य नष्ट करने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के उल्लंघन सहित कई आरोपों के अंतर्गत दोषी ठहराने के एक दिन बाद सुनायी है।
न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने रेवन्ना के खिलाफ फैसला सुनाते समय अपराधों की गंभीर प्रकृति को ध्यान में रखा। यह फैसला रेवन्ना की गिरफ्तारी के लगभग 14 महीने बाद और आठ हफ़्तों तक चली फास्ट ट्रैक सुनवाई के बाद आया है।
इस मामले से देश भर में आक्रोश उत्पन्न हो गया था जब 2024 में रेवन्ना से जुड़े कथित अश्लील वीडियो की एक श्रृंखला उनके निर्वाचन क्षेत्र में प्रसारित होने लगी थी।
वीडियो सामने आने के तुरंत बाद वह जर्मनी चले गए और लोकसभा चुनावों के बाद लौटे। स्वदेश लौटने पर बेंगलूरु हवाई अड्डे पर 31 मई 2024 को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।इस मामले में पीड़िता को अप्रैल में मैसूर के पास एक फार्महाउस से बचाया गया था। उसने पुलिस को बताया कि उसे रेवन्ना के परिवार के इशारे पर चुप रहने के लिए मजबूर करने के लिए अगवा किया गया था।
गौरतलब है कि 40 सदस्यों वाली एक विशेष जांच टीम ने पांच खंडों में 1,800 पृष्ठों की रिपोर्ट दायर की। मुकदमे के दौरान 38 सुनवाइयों में 26 गवाहों से जिरह की गई और 180 दस्तावेज़ अदालत में पेश किए गए। शुक्रवार को दोषसिद्धि के बाद रेवन्ना अदालत में भावुक हो गए और आज सज़ा सुनाए जाने के दौरान रो पड़े और नरमी बरतने की गुहार लगाई। कार्यवाही के दौरान उनके परिवार का कोई भी सदस्य अदालत में मौजूद नहीं था। हासन से तीन बार लोकसभा सांसद रहे रेवन्ना पर अभी भी व्यापक सेक्स स्कैंडल से जुड़े तीन अन्य मामलों में मुकदमा चल रहा है जिसने कर्नाटक की राजनीति को हिलाकर रख दिया है।
इस बीच महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे यौन हिंसा से बचे लोगों, खासकर हाशिए पर पड़े समुदायों की महिलाओं के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। रेवन्ना से जुड़े अन्य लंबित मामलों में आगे की कार्यवाही का इंतज़ार है।