एमडीएसयू में बौद्धिक ईमानदारी दिवस के रूप में मनाया गणेश चतुर्थी का उत्सव

अजमेर। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (एमडीएसयू) ने गणेश चतुर्थी को इस वर्ष एक अनूठे अंदाज में मनाते हुए इसे बौद्धिक ईमानदारी दिवस के रूप में आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों में शैक्षणिक ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिक मूल्यों के महत्व को रेखांकित करना रहा।

विश्वविद्यालय के चाणक्य भवन में स्थापित गणेश प्रतिमा का हवन पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर माननीय कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल ने आचार्यों, कर्मचारियों, शोधार्थियों और छात्र प्रतिनिधियों के साथ आरती की और ज्ञान व विचारों की पवित्रता का संदेश दिया।

इस अवसर पर कुलगुरु ने कहा कि गणेश जी, जिन्हें विद्यारंभ का देवता माना जाता है, शैक्षणिक ईमानदारी और सच्चे ज्ञान के प्रतीक हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय से आह्वान किया कि वे अपने शैक्षणिक कार्यों में मौलिकता और पारदर्शिता बनाए रखें तथा साहित्यिक चोरी, आंकड़ों की हेरफेर और संदर्भ मानकों जैसे मुद्दों पर सजग रहें। अंत में छात्रों और प्राध्यापको ने सामूहिक शपथ ली — हम ईमानदारी के साथ पढ़ेंगे, शोध करेंगे और लिखेंगे।

गणेश चतुर्थी को बौद्धिक ईमानदारी के उत्सव में बदलकर एमडीएसयू ने यह संदेश दिया कि धार्मिक अनुष्ठानों को सार्थक चिंतन और शैक्षणिक जिम्मेदारी के साथ जोड़कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। यह आयोजन विश्वविद्यालय समुदाय में नैतिक मूल्यों के प्रति नई जागरूकता और जिम्मेदारी का भाव जगाने में सफल रहा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रिया भार्गव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुनील टेलर सहित समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।