आयुर्वेद के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार कृतसंकल्प : देवनानी

अजमेर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासूदेव देवनानी ने कहा है कि आयुर्वेद के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार कृतसंकल्प है।

देवनानी आज यहां विश्व आयुर्वेद परिषद राजस्थान के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय आयुर्वेद पंचकर्म कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जटिल रोगों की चिकित्सा में आयुर्वेद पंचकर्म प्रभावी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद प्राचीन, प्रमाणिक, शाश्वत, दुष्प्रभाव रहित स्थाई समाधान देने वाली चिकित्सा पद्धति है।

कोविड काल के बाद पुनः आमजन का ध्यान आयुर्वेद की ओर आकर्षित हुआ है। आयुर्वेद की पंचकर्म चिकित्सा बेहद प्रभावी एवं उपयोगी चिकित्सा विधा है। सरकार आयुर्वेद के उत्थान के लिए दृढ़ संकल्पित है।

उन्होंने जिला एवं तहसील स्तर पर पंचकर्म चिकित्सा केंद्र स्थापित कर आमजन को लाभान्वित करने एवं आयुर्वेद पंचकर्म के व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर जोर देते हुए आयुर्वेद विभाग एवं विश्व आयुर्वेद परिषद को इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने की सलाह दी और आश्वस्त किया कि सरकार पूर्ण सहयोग के लिए तैयार है।

अजमेर स्थित आयुर्वेद निदेशालय के निदेशक डॉ. आनंद शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद विभाग आमजन को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए तत्पर है, बशर्ते आयुर्वेद विभाग को पर्याप्त बजट आवंटित किया जाए।

डॉ यूएस निगम ने कहा की आमजन ज्यादा से ज्यादा पंचकर्म चिकित्सा से लाभान्वित हो इसके लिए विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा निरंतर प्रायोगिक कार्यशालाओं का आयोजन कर चिकित्सकों को प्रशिक्षण का कार्य कर रहा है, इसी के निमित्त आज की कार्यशाला आयोजित की गई है।

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