क्या आप मुगल सरकार चला रहे हैं, प्रह्लाद जोशी ने सिद्दारमैया से किया सवाल

हुबली। रामजन्मभूमि कारसेवकों की गिरफ्तारियों पर कटाक्ष करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पूछा कि क्या वह मुगल सरकार चला रहे हैं या खुद को आईएसआईएस का हिस्सा मानते हैं।

जोशी ने दोहरे मानदंडों के लिए कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पीएफआई कार्यकर्ताओं की रिहाई चाहती है, जिन्होंने व्यवस्थित रूप से डीजे हल्ली, केजी हल्ली ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशनों पर हमला किया, लेकिन 31 साल पुराने मामलों में रामजन्मभूमि कारसेवकों को गिरफ्तार किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एक पत्र लिखकर पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले हटाने की मांग की है, जिन्होंने व्यवस्थित रूप से डीजे हल्ली, केजी हल्ली ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशनों पर हमला किया था। अब आपकी सरकार ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है जो 31 साल पुराने मामले में शामिल थे। इनमें एक 75 और दूसरे 65 साल के हैं तथा एक ने तो रामजन्मभूमि आंदोलन में भाग ही नहीं लिया था।

उन्होंने कहा कि आप (सिद्दारमैया) उन दोनों को किस आधार पर गिरफ्तार किया है। सिद्दारमैया जी, आप राज्य में क्या कर रहे हैं। क्या आपने मुगल सरकार चलाने या आईएसआई जैसा शासन चलाने का फैसला किया है। क्या आप खुद को आईएसआई का हिस्सा मान रहे हैं? क्या आप राहुल गांधी और सोनिया गांधी को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं।

केंद्रीय मंत्री ने सिद्दारमैया से यह भी पूछा कि वह अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर नाखुश क्यों हैं तथा राम मंदिर के लिए हिंदू कारसेवकों की लड़ाई में भाग लेने में क्या गलत था। उन्होंने आरोप लगाया कि रामजन्मभूमि कारसेवकों को निशाना बनाकर लंबे समय से लंबित मामलों को निपटाने का कांग्रेस सरकार का कदम धोखे और अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति के अलावा कुछ नहीं है। यह हिंदुओं के खिलाफ नफरत की राजनीति भी है।

अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण पर कांग्रेस द्वारा राजनीति करने पर जोशी ने कहा कि समारोह के लिए किसी भी मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया है और इसलिए सिद्दारमैया को आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय मंत्री हूं। मुझे भी अयोध्या में आमंत्रित नहीं किया गया है। अयोध्या में बहुत कम जगह है और सुविधाएं सीमित हैं। मंदिर ट्रस्ट तय करेगा कि किसे आमंत्रित किया जाए।