जयपुर। राजस्थान में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा, राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक और जन-जन के उत्साह के स्रोत राष्ट्रगीत ‘वन्देमातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मंगलवार को राजस्थान आवासन मंडल मुख्यालय, जयपुर में विशेष कार्यक्रम ‘वन्देमातरमएट 50’ एवं स्वदेशी संकल्प समारोह का आयोजन हुआ।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार आयोजित इस अवसर पर राजस्थान आवासन मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगीत ‘वन्देमातरम’ का संगठित गायन किया। पूरे परिसर में देशभक्ति की तरंगें प्रतिध्वनित होती रहीं। इस अवसर पर सभी ने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और स्थानीय उत्पादों के सम्मान का संकल्प लिया।
आवासन भवन का प्रत्येक कोना तिरंगे की आभा और राष्ट्रभक्ति के उल्लास से ओतप्रोत दिखाई दिया। उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों ने राष्ट्रगीत के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानियों, मां भारती के सपूतों और स्वदेशी आंदोलन के प्रेरणास्रोतों को नमन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. रश्मि शर्मा ने कहा कि वन्देमातरम केवल एक राष्ट्रगीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। यह गीत उस भावना का परिचायक है जिसने अंग्रेज़ी हुकूमत की जंजीरों को तोड़ने का साहस जन-जन में भरा और भारत को स्वतंत्रता के पथ पर अग्रसर किया। अब भी यह गीत हर भारतीय के हृदय में देशप्रेम और कर्तव्यबोध की ज्योति प्रज्वलित करता है।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी केवल आर्थिक स्वावलंबन का मंत्र नहीं, बल्कि यह राष्ट्रगौरव का भाव है, जो हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और आत्मनिर्भरता के पथ पर ले जाता है। कार्यक्रम के अंत में अधिकारियों ने एकस्वर में भारत माता की जय और वन्देमातरम के जयघोष से पूरे परिसर को गूंजायमान कर दिया।



