रवींद्र जडेजा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, भारत ने सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बनाई

नई दिल्ली। रवींद्र जडेजा (42/7) और रविचंद्रन अश्विन (59/3) की घातक स्पिन जोड़ी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में रविवार को छह विकेट से मात देकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।

पहली पारी में एक रन की बढ़त लेने वाली ऑस्ट्रेलिया मैच के तीसरे दिन सिर्फ 113 रन पर ऑलआउट हो गयी। भारत ने 115 रन का लक्ष्य चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।

ऑस्ट्रेलिया को इस मामूली से स्कोर पर आउट करने के लिए अश्विन ने ट्रैविस हेड का विकेट लेकर दिन की शुरुआत की। इसके बाद जडेजा ने सात बल्लेबाजों को अपनी फिरकी में फंसाते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को 113 रन पर समेट दिया। यह जडेजा के टेस्ट क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 2016 में 48 रन देकर सात विकेट चटकाए थे।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल का विकेट मात्र एक रन पर गंवा दिया, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने 31 (20) रन की पारी खेलकर भारत की स्थिति मजबूत कर दी। रोहित का विकेट गिरने के बाद विराट कोहली ने 20 रन और श्रेयस अय्यर ने 12 रन का योगदान दिया। श्रीकर भरत 23 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि अपना 100वां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा (31 नाबाद) ने विजयी रन बनाकर भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया।

भारत के लिए पारी की शुरुआत करने उतरे राहुल दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट हुए। उन्होंने नेथन लायन की गेंद को लेग साइड में खेला, लेकिन वह शॉर्ट लेग पर खड़े हुए पीटर हैंड्सकॉम्ब के पांव से छिटककर विकेटकीपर एलेक्स कैरी के दस्तानों में समा गई। दूसरे छोर से हालांकि कप्तान रोहित शर्मा ने आसानी से रन बटोरे। रोहित ने अपनी 31 रन की पारी में सिर्फ 20 गेंदें खेलकर तीन चौके और दो छक्के जड़े।

रोहित अच्छी लय में दिख रहे थे मगर मैथ्यू कुह्नेमन को छक्का लगाने के बाद अगली ही गेंद पर रनआउट हो गए। ऑस्ट्रेलिया ने दो विकेट गिरने पर मैच में वापसी करनी चाही, लेकिन पुजारा विकेट पर टिके रहे। उन्होंने कोहली (30) और अय्यर (19) के साथ दो छोटी मगर महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं।

भारत का चौथा विकेट 88 रन पर गिरने के बाद बल्लेबाजी करने उतरे भरत ने 22 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाकर ऑस्ट्रेलिया की बची हुई उम्मीदों को भी समाप्त कर दिया। पुजारा ने पारी के 27वें ओवर की चौथी गेंद पर चौका जड़कर भारत को जीत दिलाई।

इससे पूर्व, दिन के पहले सत्र में ऑस्ट्रेलिया अपनी भयावह बल्लेबाजी के कारण ढेर हो गई। मेहमान टीम ने मैच के दूसरे दिन तेज़ बल्लेबाज़ी करते हुए सिर्फ 12 ओवर में एक विकेट गंवाकर 61 रन जोड़ लिए थे, लेकिन तीसरे दिन उसकी एक न चली। कंगारुओं ने करीब डेढ़ घंटे के खेल में महज 52 रन जोड़कर नौ विकेट गंवाए।

अश्विन ने दिन के पहले ओवर में ही खतरनाक दिख रहे ट्रैविस हेड को विकेटकीपर श्रीकर भरत के हाथों कैच आउट करवाया। हेड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 46 गेंद पर छह चौकों और एक छक्के के साथ सर्वाधिक 43 रन बनाए, जबकि जडेजा की गेंद पर बोल्ड होने से पूर्व मार्नस लाबुशेन ने 35 रन की पारी खेली।

आक्रामक रवैये के साथ बल्लेबाजी करने उतरे कई ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने स्वीप खेलने की कोशिश में भी अपने विकेट गंवाए। स्टीव स्मिथ (09) और मैट रेनशॉ (02) अश्विन को स्वीप करने के प्रयास में पगबाधा आउट हुए, जबकि जडेजा को रिवर्स स्वीप करते हुए एलेक्स कैरी (07) बोल्ड हो गये। इसके अलावा जडेजा ने पीटर हैंडस्कॉम्ब, पैट कमिंस और मैथ्यू कुहनेमान को भी शून्य पर आउट किया।

यह दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम पर भारत की लगातार 13वीं जीत है। भारत इस मैदान पर 1993 के बाद से कोई मुकाबला नहीं हारा है। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। चार मैचों की शृंखला का तीसरा मुकाबला इंदौर में एक मार्च से खेला जाएगा।