आधी रात से प्रभावी हो जाएंगे बढ़े हुए रेल किराए, छोटी दूरी की यात्रा, सीजन टिकट की दरों में बदलाव नहीं

नई दिल्ली। रेल टिकट की संशाेधित दरें गुरुवार आधी रात के बाद प्रभावी हो रही हैं जिनके अंतर्गत 215 किलोमीटर से ज्यादा दूरी का सफर प्रति किलो मीटर एक से दो पैसे महंगा हो जाएगा। रेलवे को किरायों में इस वृद्धि से सालाना 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होने का अनुमान है।

भारती रेलव के यात्री विपणन (समन्वय) प्रभाग के निदेशक प्रवीण कुमार की ओर से गुरुवार को इस संबंध में रेलवे के सभी जोन को परिपत्र भेज दिये गये हैं। नोटिस में कहा गया है कि वास्तविक संशोधित किराये वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार प्रभावी होंगे। नोटिस में कहा है कि यदि किसी यात्री ने किराया बढ़ोतरी का निर्णय घोषित होने की तिथि (21 दिसंबर) से पहले टिकट खरीद लिया है, तो उससे अतिरिक्त राशि नहीं वसूली जाएगी।

रेलवे ने कहा है कि शुक्रवार से सभी स्टेशन पर टिकटों की नयी दरों के प्रभावी होने के संबंध में सूचना प्रसारित होगी। यात्रियों के टिकट के दरों में हुए बदलाव और ज़रूरी निर्देश देने के लिए स्टेशन पर विशेष व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। इसी तरह प्रेस, मीडिया, अधिसूचना और स्टेशनों पर घोषणाओं के माध्यम से टिकटों की दरों में हुए बदलाव के बारे में यात्रियों को जानकारी दी जाएगी

उल्लेखनीय है कि रेलने ने गत रविवार को यात्री किराये के ढांचे में बदलाव करने की घोषणा की थी, जिसके मुताबिक 215 किलोमीटर से ज्यादा सफर करने पर प्रति किमी एक से दो पैसे की वृद्धि की गयी थी। 215 किलोमीटर से कम दूरी की यात्रा करने वालों और मासिक सीजन टिकट की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेलवे के मुताबिक 215 किमी से ज्यादा के सफर पर साधारण श्रेणी के किराये में प्रति किमी एक पैसा प्रति किलो मीटर की बढ़ोतरी की गयी है। वहीं, मेल/एक्सप्रेस में गैर वातानुकुलित श्रेणी दो पैसा किलो मीटर किराया बढ़ाया गया है।

वातानुकूलित श्रेणी की किराया दरों में भी दो पैसा प्रति किमी की बढ़ोतरी की गई है। गैर वातानुकुलित श्रेणी में 500 किमी की यात्रा करने पर पर यात्रियों को कुल मिलाकर मौजूदा किराया से 10 रुपए ज्यादा देने पड़ेंगे। रेलवे ने 215 किलोमीटर से कम के सफर पर किराए में वृद्धि नहीं की है। दैनिक यात्रियों के सीजन मासिक टिकटों ( एमएसटी) तथा , उपनगरीय ट्रेनों के टिकट की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों में लोकल ट्रेनों से सफर करने वाले लाखों यात्रियों पर कोई अतरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

रेलवे के सूत्रों के मुताबिक टिकटों के दामों में बढ़ोतरी परिचालन लागत में हो रही वृद्धि और अवसंरचना विकास परियोनाओं के लिए राशि की पूर्ति के लिए जरूरी है। रेलवे के मुताबिक बीते 10 वर्षों में उनके नेटवर्क और ट्रेनों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। सुरक्षा और बेहतर संचालन के लिए रेलकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई गयी है, जिनकी सैलरी और भत्ते का खर्च भी बढ़ा है।

रेलवे के मुताबिक उसका कुल परिचालन खर्च पिछले वित्त वर्ष में 2.63 लाख करोड़ रुपए रहा। रेल कर्मियों के वेतन और भत्तों का वार्षिक खर्च बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपए और पेंशन पर खर्च 60,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।