श्रीनगर। जम्मू कश्मीर सरकार ने विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के ससुराल वालों के स्वामित्व वाले प्रसिद्ध नेडौस होटल का सोमवार को अधिग्रहण कर लिया।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नेडौस होटल को बेदखली का नोटिस जारी किया था। नोटिस में उसे 1985 से बिना वैध पट्टे के कब्जे वाली सरकारी जमीन खाली करने का आदेश दिया गया था। बेदखली का नोटिस सरकार ने जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय और शीर्ष न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में जारी किया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अनधिकृत कब्जे वाले परिसर को खाली करा लिया गया है और उसे गुलमर्ग विकास प्राधिकरण (जीडीए) को सौंप दिया गया। बेदखली शांतिपूर्ण तरीके से की गई।
गुलमर्ग स्थित नेडौस होटल की स्थापना 1888 में यूरोपीय उद्यमी माइकल एडम नेडौ ने की थी। उन्होंने इस मनोरम घास के मैदान को ब्रिटिश पर्यटकों के लिए लोकप्रिय हिल स्टेशन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। माइकल नेदौ की बेटी बेगम अकबर जहां ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला से शादी की। होटल अब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के एक रिश्तेदार के स्वामित्व में है।
होटल की विरासत भूमि विवाद में उलझी हुई है, जिसमें परिवार 98 कनाल और 11 मरला सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा किए हुए है। होटल का आखिरी पट्टा सिर्फ़ 2 कनाल और 13 मरला का था। नेदौ परिवार के पास 1985 तक वैध पट्टे थे, लेकिन उसके बाद वे नवीनीकरण नहीं करवा पाए।
साल 2015 में जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़े पैमाने पर उल्लंघन और अतिक्रमण का हवाला देते हुए उनके पट्टे के विस्तार को औपचारिक रूप से अस्वीकार कर दिया। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने पट्टे के नवीनीकरण के लिए होटल की याचिका खारिज कर दी। शीर्ष न्यायालय ने बेदखली का रास्ता साफ करते हुए विशेष अनुमति याचिका भी खारिज कर दी।