चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया, राज्यपाल ने क्या कहा?

रांची। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया जिसपर राज्यपाल ने कहा कि वह जल्द विचार कर सूचित करेंगे।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से गुरुवार को समय मिलने के बाद आज चंपई सोरेन के साथ चार अन्य विधायक राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। मौके पर राजभवन से बाहर निकलकर सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यपाल ने कहा कि जल्द विचार कर सूचित करेंगे। हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है। हमारा कोई कुछ नहीं कर सकेगा। हमारे पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन प्राप्त है। 43 विधायकों का समर्थन हमने राज्यपाल को सौंपा है। यह संख्या शुक्रवार तक 47 हो जाएगी।

इस दौरान विधायक प्रदीप यादव ने बताया कि राज्यपाल ने कहा कि मैं विधि-विशेषज्ञों से राय ले रहा हूं और जल्दी ही बुलावा भेजूंगा। यादव ने कहा कि हम लोगों ने राज्यपाल से अविलंब सरकार गठन कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि शुक्रवार को ही सरकार गठन का बुलावा आ जाएगा। सोरेन की मांग पर राज्यपाल ने कहा कि मुझे रात तक का समय दीजिए। मैंने विधि-विशेषज्ञों की राय मांगी है। जल्द ही कोई फैसला आयेगा मैं बुलावा भेजूंगा।

इससे पहले पीछे के गेट से दो कार से पांच लोग राजभवन के अंदर गए हैं। सोरेन के नेतृत्व में विधायक आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, विनोद सिंह और प्रदीप यादव राजभवन गए थे।

क्या केंद्र झारखंड में लगाना चाहता है राष्ट्रपति शासन: कांग्रेस

कांग्रेस ने झारखंड में मुख्यमंत्री की नियुक्ति में राज्यपाल की ओर से अनावश्यक देरी करने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि वह केंद्र से निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 47/48 सदस्य हैं जबकि विपक्ष के पास 32/33 सदस्य हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी किसी भी तरह से दल-बदल को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है।

डॉ सिंघवी ने कहाकि अगर हेमंत सोरेन ने एनडीए में शामिल होने का विकल्प चुना होता तो स्थिति अलग होती। उन्हें भाजपा की वॉशिंग मशीन में धोया गया होता। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने आम चुनावों से पहले ‘विपक्ष-मुक्त’ भारत सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।

भाजपा पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सत्तावादी और निरंकुश होने तथा निरंकुश व्यवस्था स्थापित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा देश में कोई और राजनीतिक रंग देखना पसंद नहीं करती।

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