झारखंड के सौरभ तिवारी ने की अंतर्राष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा

जयपुर। तीन एक दिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले झारखंड के सौरभ तिवारी ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है।

सौरभ पिछले कुछ समय से घुटने की चोट से परेशान थे। वह फ़िलहाल झारखंड की रणजी टीम के साथ हैं। 15 फ़रवरी से शुरू हो रहे झारखंड और राजस्थान का रणजी मैच उनके करियर का आख़िरी मैच होगा।

हरियाणा के ख़िलाफ़ झारखंड की हार के बाद भावुक सौरभ ने अपनी संन्यास की घोषणा करते हुए कहा कि मै एक ऐसा लड़का रहा हूं, जिसने स्कूलिंग से पहले ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। आज इतने लंबे सफ़र को अलविदा कहना थोड़ा मुश्किल ज़रूर है लेकिन मुझे यह भी पता है कि इस फ़ैसले का यह बिल्कुल सही समय है।

मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप नेशनल टीम में शामिल नहीं हो सकते या फिर आईपीएल में नहीं है तो यही ठीक है कि राज्य की टीम में युवा लड़को के लिए जगह खाली की जाए। हमारी स्टेट की टीम में अभी युवाओं को भरपूर मौक़ा दिया जा रहा है और इस कारण से मेरा यह फ़ैसला काफ़ी लाज़मी भी है।

उन्होंने कहा कि आगे मैं क्या करूंगा, यह सवाल हमेशा पूछा जाता है लेकिन जवाब एक ही है कि मुझे सिर्फ़ क्रिकेट ही आता है तो मैं उसी से जुड़ा काम करूंगा।

झारखंड के जमशेदपुर से आने वाले सौरभ ने साल 2006 से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरू किया था। वह 2007-08 में विराट कोहली के नेतृत्व वाली अंडर-19 विश्व कप टीम का भी हिस्सा थे। इसके बाद सौरभ ने घरेलू क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया और आईपीएल में मुंबई इंडियंस ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।

साल 2010 में उन्होंने आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का ख़िताब भी जीता था। इस साल उन्होंने 135.59 की स्ट्राइक रेट और तीन बेहतरीन अर्धशतक की मदद से कुल 419 रन बनाए थे। टूर्नामेंट के सेमीफ़ाइनल में एक समय पर मुंबई की टीम मुश्किल में लग रही थी, लेकिन सौरभ ने अर्धशतक लगाते हुए कायरन पोलार्ड के साथ मैच जिताऊ साझेदारी की और अपनी टीम को फ़ाइनल में पहुंचाया। इस सीज़न उन्होंने कुल 18 छक्के लगाए थे, जिसके कारण उनके फ़ैंस उन्हें बाएं हाथ का धोनी भी पुकारने लगे थे।

भारतीय टीम में उनका सफर सिर्फ़ तीन वनडे मैचों तक ही सीमित रहा। अक्तूबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ डेब्यू करने के बाद उन्होंने उसी साल दिसंबर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दो वनडे खेले। हाल ही में उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने 8000 रन पूरे किए थे। इसके अलावा लिस्ट ए मैचों में भी सौरभ ने 4050 रन बनाए हैं।