झूलेलाल जयंती समारोह : सिन्धी व्यंजन ताम कढ़ी चावल के खूब लिए चटकारें

अजमेर। पूज्य झूलेलाल जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में चल रहे पखवाडे़ के 7वें दिन रसोई बेक्विंट हाॅल स्वामी काम्पलेक्स में सिंधी समाज महासमिति व सिंधी लेडिज क्लब की ओर से सिन्धी लादा, नृत्य व ताम व्यंजन चटाभेटी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में आराध्यदेव झूलेलाल व स्वामी हिरदाराम साहिब की प्रतिमा के समक्ष श्री शांतानन्द उदासीन आश्रम के महंत हनुमानाराम के साथ समिति के कंवलप्रकाश किशनानी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, नरेन साहनी भगत, गिरधर तेजवानी, हरी चंदनानी, दीपक साधवानी सहित समाजबंधु ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। विजेताओं को मंगलम् एजेन्सी द्वारा आकर्षक पुरस्कार दिए गए।

व्यजंन प्रतियोगिता संयोजक हेमा साधवानी ने बताया कि सिन्धी व्यंजनों में 50 से अधिक घरों की छह साल की बालिका से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिलाएं सिंधी कढ़ी, साई भाजी चावल, मिठो लोलो, कोकी बसर वारी व दही, सेयल भाजी फुल्का, सन्ना पकोड़ा, छोला टिक्की, दाल पकवान, ढोढो चट्नी व मिठे में साटा, गीहर, माजुन, मेसू पाक, सुजी का हल्वा सहित कई ताम लेकर आईं। इनका समाज के सभी लोगों ने खाकर लुफ्त उठाया। निर्णायक चंद्रा साधवानी, कुसुम आर्य व गायत्री गौरांग, रही। इस प्रतियोगिता में प्रथम सुनीता दरयानी, द्वितीय कान्ता गिदवानी व तृतीय कविता कोटाई रही।

संयोजक प्रेम केवलरमानी ने बताया कि सिन्धी लादा व गीतों में 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सोन जो रूप्यो…, रख संदुली ते पेर मुंहजा मोर लादा…, दिख जे रात लादे मुडियूं घडायूं…, गीतों में सिक में ओ सिक में सिकिअ खे न सिकाए…, खुशी दीन्दे त खुश रहिबो जे गमु दीन्दे त पियो सहिबो…, सिन्धी असांजी बोली मिठड़ी असांजी बोली…, जीए मुहिजीं सिन्ध घोरिया, पंहिजी जिन्द… सहित कई गीत प्रस्तुत किए गए। निर्णायक गायक मंघाराम बिरयानी व केजे ज्ञानी रहेे।

संयोजक प्रियंका ने बताया कि नृत्य प्रतियोगिता में 22 ग्रुप ने भाग लिया सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिए गए। मंच संचालन अध्यक्ष दिशा किशनानी ने किया। हार्मोनियम पर कुलदीप सुनारीवाल व रिधम पर पंकज परिहार रहे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण हरी चन्दनानी ने दिया।

समारोह में ईश्वर डीलक्स बूलचंदाणी, रमेश टिलवाणी, प्रकाश जेठरा, नरेन शाहनी भगत, नारायणदास थदाणी, जगदीश अबिचंदाणी, प्रभु ठारानी, महेश टेकचंदानी, जी.डी.वृंदाणी, जयप्रकाश मंघाणी, मुकेश आहूजा, भगवान साधवाणी, कुसुम आर्य सहित सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।