नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अप्रवासी हिमाचलियों द्वारा चलाए जा रहे कांगड़ा सहकारी बैंक ने बच्चों द्वारा परित्यक्त/प्रताड़ित बजुर्गों की मदद के लिए एक ऋण योजना शुरू की है।
कांगड़ा सहकारी बैंक दिल्ली के चेयरमैन लक्ष्मी दास ने तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित बैंक की वार्षिक आम सभा में बताया कि महानगरों में कुछ साल से बजुर्ग माता पिता को त्यागने/प्रताड़ित करने की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि देखने में मिल रही है। ऐसे बुजुर्गों को खाने और दवाई तक जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि यह योजना कांगड़ा सहकारी बैंक के सदस्यों के लिए लागू की गई है जिसके अंतर्गत ऐसे बुजुर्ग अपनी चल/अचल संपत्ति जैसे मकान, फ्लैट, जेवर, प्लॉट आदि को गिरबी रखकर बैंक से अपनी जरूरत के अनुरूप ऋण सुविधा प्रदान करेगा। बैंक उन्हें यह ऋण मासिक/पाक्षिक तौर पर उनकी जरूरतों के अनुसार उनके द्वार पर प्रदान करेगा।
ऋण लेने वाले बुजुर्गों की मृत्यु की स्थिति में इस संपत्ति के वारिसों द्वारा ऋण और ब्याज की राशि जमा करवाने के बाद गिरवीं संपत्ति उन्हें वापस कर दी जाएगी। ऋण न चुकाने पर गिरबी संपत्ति को नीलम करके बैंक अपनी पूंजी वसूलेगा और अधिशेष राशि कानूनी वारिसों को लौटा दी जाएगी।



