ईडी मामले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ी

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति-2021-22 में कथित अनियमितताओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अलग-अलग गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बुधवार को 17 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी गई।

राउस एवेन्यू स्थित एमके नागपाल की विशेष अदालत ने ईडी की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आदेश पारित किया। विशेष अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।

इससे पहले इस अदालत ने 3 अप्रैल को आरोपी नेता को सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में भी 17 अप्रैल न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। विशेष अदालत ने आबकारी नीति कथित अनियमितताओं के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज प्राथमिकी में श्री सिसोदिया की जमानत याचिका 31 मार्च को खारिज कर दी थी।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। बाद में सिसोदिया को विशेष अदालत में पेश किया गया था, जहां उन्हें सीबीआई के अनुरोध पर चार मार्च तक केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा था, जिसकी अवधि समाप्त होने पर दो दिनों की और सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। सीबीआई हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) श्री सिसोदिया से पूछताछ की थी। बाद में विशेष अदालत ने ईडी की याचिका पर सिसोदिया को उसकी हिरासत में भेजा दिया था। सिसोदिया को ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद इस मामले में भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने 28 फरवरी को सिसोदिया की रिट याचिका खारिज करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष गुहार लगा सकता है। सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई की जांच के तरीकों पर सवाल उठाते हुए राहत की उम्मीद में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद सिसोदिया ने बाद में उसी दिन उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-2022 ( विवाद के बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था) में कथित अनियमितता के मामले में श्री सिसोदिया को 26 फरवरी रविवार को करीब आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 17 अक्टूबर 2022 को आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया से पूछताछ की थी। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया और अन्य 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।