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तीन वर्षों में 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी - Sabguru News
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तीन वर्षों में 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी

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तीन वर्षों में 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी
tax evasion or more than Rs 1.37 lakh crore detected in last three years
tax evasion or more than Rs 1.37 lakh crore detected in last three years
tax evasion or more than Rs 1.37 lakh crore detected in last three years

नई दिल्ली। सरकार ने कर अपवंचकों और मनी लांड्रिंग करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश में कालेधन के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है और इस दौरान 23064 छापे मारकर 1.37 लाख करोड़ रुपए की कर चोरी का पर्दाफाश किया गया है।

आयकर विभाग ने इस संबंध में जारी बयान में कहा कि राजस्व विभाग के तहत विभिन्न एजेंसियों ने पिछले तीन वर्षों में देश में कालेधन को लेकर यह सफलता हासिल की है।

बयान में कहा गया कि विभिन्न एजेंसियां कर चोरी करने वालों और मनी लांड्रिंग करने वालों के विरूद्ध आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई करेंगे ताकि उन्हें यह एहसास हो कि वे जो कर रहे उसके लिए उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

पिछले तीन वर्षों में कुल मिलाकर 23064 छापे मारे गए जिनमें आयकर को लेकर 17525, सीमा शुल्क के लिए 2509, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क को लेकर 1913 और सेवाकर के लिए 1120 छापे मारे गए। इन छापों में 1.37 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई जिसमें आयकर में 69434 करोड़ रुपए, सीमा शुल्क में 11405 करोड़ रुपए, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में 13952 करोड़ रुपए और सेवा कर में 42727 करोड़ रुपए शामिल है।

बयान में कहा गया है कि 2814 मामलों में आपराधिक कार्रवाई की गयी है और 3893 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लां​ड्रिंग के विरूद्ध कार्रवाई तेज करते हुए 519 मामले दर्ज किए और 396 स्थानों पर छापेमारी की। इन मामलों में से 79 में गिरफ्तारियां हुई है और 14933 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई है।

नवंबर 2016 से प्रभावी बेनामी निषेध कानून के तहत 245 बेनामी लेनदेन की पहचान की गई है और 124 मामलों में 55 करोड़ रुपए की संपत्ति की अस्थायी कुर्की की गई है।

बयान में कहा गया है कि नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने और इसकी पहचान करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसी के तहत दो लाख रुपए से अधिक के नकद लेनदेन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

पैन नंबर और आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के साथ ही 50 हजार रुपए से अधिक राशि जमा करने के लिए पैन नंबर को बनाया गया है। बैंक खातों से पैन नंबर को जोडऩे को अनिवार्य बनाया गया है।

इसके साथ ही अचल संपत्ति के हस्तातंरण में 20 हजार से अधिक की नकद राशि लेनदेन पर इतनी ही राशि का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त नोटबंदी के दौरान 9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 के बीच बचत खातो में 2.5 लाख रुपये से अधिक और चालू खाते में 12.5 लाख रुपये के नकद जमा की रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाया गया है।

बयान में कहा गया है कि फर्जी कंपनियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की गयी है और वर्ष 2013-14 से लेकर 2015-16 के दौरान आयकर विभाग ने 1155 फर्जी कंपनियों का खुलासा किया जिनका 22 हजार लाभार्थियों ने उपयोग किया। इन लाभार्थियों ने 13300 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेनदेन किए हैं।

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