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सरकारों की उदासीनता का नतीजा है किसान आंदोलन

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सरकारों की उदासीनता का नतीजा है किसान आंदोलन

भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक उदयपुर में शुरू

उदयपुर। भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय बैठक शनिवार से उदयपुर में शुरू हुई। राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर में शुरू हुई इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन अखिल भारतीय कार्यकारिणी ने विगत छह माह के कार्यों की समीक्षा की और आगामी छह माह के लिए कार्ययोजना पर मंथन किया। इस कार्ययोजना पर रविवार को अखिल भारतीय प्रबंध समिति के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।

भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि बैठक के पहले दिन अखिल भारतीय कार्यकारिणी ने देश में उठ खड़े हुए किसान आंदोलन की समीक्षा की। समीक्षा में यह बात उभर कर आई कि किसानों का आक्रोश जिसने स्वतः ही आंदोलन का रूप ले लिया, उसका कारण सरकारों की किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीनता है।

समीक्षा में विशेष रूप से राजस्थान में सरकार की शुरुआती उदासीनता को रेखांकित किया गया। यह बात सामने आई कि सरसों, मूंगफली, चना, मूंग आदि की समर्थन मूल्य पर खरीद को सरकार टालती रही, किसानों को भ्रमित करती रही। तीन दिन तक राज्य के 8 स्थानों पर महापड़ाव चला, तब तक सरकार परीक्षा लेती रही।

इसके बाद जब किसान संघ ने आंदोलन की रणनीति में परिवर्तन किया और प्रदेश की सभी मंडियों और गांव बंद आंदोलन का निर्णय किया, तब सरकार ने वार्ताओं के दौर शुरू किए। तीन घंटे, पांच घंटे, 11 घंटे की वार्ताएं सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण में हुई और सरकार ने किसान की समस्या को समझा।

अब तक सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और निर्णयों से यह उम्मीद जताई गई कि किसान संघ द्वारा उठाए गए सभी बिन्दुओं पर सरकार ठोस कार्य करेगी। बैठक में राजस्थान सरकार द्वारा विधानसभा में एक पूरा दिन किसान और खेती पर चर्चा के लिए रखने की घोषणा का भी स्वागत किया गया।

बैठक में मध्यप्रदेश में हुए किसान आंदोलन पर भी चर्चा हुई। इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मूल्यांतर भुगतान की घोषणा और उसके लिए एक हजार करोड़ के प्रावधान को भी सराहा गया। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्याज, मूंग आदि का बड़े परिमाण में क्रय किया गया। भुगतान की समस्या का भी समाधान किया गया। वहां और भी किसान हितैषी सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।

चैहान ने बताया कि समीक्षा का दौर रविवार को भी जारी रहेगा। भारतीय किसान संघ किसानों का, किसानों के लिए तथा किसानों के द्वारा चलाया जाने वाला देश का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक तथा राष्ट्रवादी किसान संगठन है। इन्हीं सिद्धांतों पर चलते हुए संगठन किसान हित के लिए लगातार प्रयत्नरत है। इसी क्रम में भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श के लिए इस बार अखिल भारतीय बैठक उदयपुर में हो रही है।

बैठक किसान संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष आई. एन. बस्वेगौड़ा, अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, अ.भा. महामंत्री बद्रीनारायण चैधरी सहित वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में हो रही है। 23 व 24 जुलाई को अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक रहेगी जिसमें देश भर के 34 प्रांतों से आए अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री एवं कोषाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं व समाधान पर सामूहिक रूप से चर्चा करेंगे। कृषि आर्थिकी शोध केन्द्र के पदाधिकारी भी बैठक में शामिल हुए हैं।