नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नोटबंदी के बाद वापस लौटी रकम की रिपोर्ट में 99 फीसदी रकम के प्रणाली में वापस आ जाने की जानकारी देने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि जमा हुई सारी रकम वैध नहीं है।
द इकॉनमिस्ट पत्रिका द्वारा आयोजित ‘इंडिया समिट 2017 का उद्घाटन करते हुए जेटली ने यहां कहा कि नोटबंदी ने प्रणाली में पारदर्शिता लाने में मदद की है। नकदी लौटकर बैंकिंग प्रणाली में वापस आई है, लेकिन जरूरी नहीं है कि लौटकर आई सारी रकम वैध ही हो।
आरबीआई ने बुधवार को कहा कि साल 2016 के नवंबर में की गई 500 रुपए और 1000 रुपए की नोटबंदी के बाद प्रचलन से बाहर हुए 15.44 लाख करोड़ नोट में से 15.28 लाख करोड़ नोट लौटकर प्रणाली में वापस आ चुके हैं। मंत्री ने हालांकि कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य कुल मिलाकर पूरा हो गया है।
उन्होंने कहा कि इससे असंगठित क्षेत्र को संगठित बनाने में मदद मिली। नोटबंदी ने कर आधार बढ़ाने में मदद की, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने बेनामी पैसे पर रोक लगाई है और प्रणाली को झकझोरा है।
जेटली ने कहा कि दो तिहाई जीएसटी र्टिन दाखिल होने के साथ ही हमने लक्ष्य से अधिक हासिल कर लिया है। जीएसटी लागू होने के पहले महीने में इससे हुआ कर संग्रहण सरकार की उम्मीदों से अधिक है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दीर्घकालिक असर से सरकारी खर्च को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि राजस्व अधिक इकट्ठा होगा।