उदयपुर। शिक्षक भर्ती 2013 की संशोधित कटऑफ लिस्ट जारी नहीं होने से बिफरे तीन अभ्यर्थियों ने हिन्दी फिल्म शोले के ‘वीरू’ बन पूरी रात जलदाय विभाग की पानी की टंकी पर गुजारी। लिस्ट जारी नहीं होने पर वीरू सुबह तक टंकी पर ही डटे रहे।
इधर, टंकी के नीचे खड़े रहकर पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी उन्हें मनाते रहे, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे। आखिकार जिला परिषद के सीईओ द्वारा सूची जारी होने के बाद ही राजी हुए और मान-मनुहार के बाद टंकी से नीचे उतरे। इसके बाद ही अधिकारियों व स्थानीय पुलिस ने राहत की सांस ली।
शनिवार को यह मंजर था अंचल के प्रतापगढ़ कस्बे का। बताया जा रहा है कि अशोक कुमार, तुलसीराम और श्यामलाल नाम के तीन युवक बीती रात को करीब पौने बाहर बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। टंकी के नीचे उनके अन्य समर्थक भी अपनी प्रमुख मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इस बीच वहां काफी लोग एकत्र हो गए। उन्हें टंकी से नीचे उतरने का आग्रह भी किया, लेकिन वे नहीं उतरे।
सूत्रों ने बताया कि वीरू बन कर अड़े तीनों रातभर टंकी पर ही रहे। रात काटी और सुबह तक नहीं उतरे तो पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आए और उन्हें मनाने के प्रयास किए। फिर भी वे नहीं माने।
मौके पर गई पुलिस के अनुसार जिला परिषद के सीईओ की ओर से इन अभ्यर्थियों की कटऑफ लिस्ट शुक्रवार को ही जारी होनी थी, लेकिन देर रात तक जारी नहीं हुई। इस पर ये लोग बिफरे और पानी की टंकी पर चढ़ गए।
शनिवार सुबह मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से संशोधित परिणाम की कटऑफ लिस्ट जारी कर दी गई। इसके बाद ये वीरू माने और सुबह करीब 11 बजे नीचे उतरे। इस दौरान यहां पुलिस सहित कई लोग एकत्र हो गए थे। बहरहाल, अभ्यर्थियों का यह प्रदर्शन नगर मेंं चर्चा का विषय बन गया।
ज्ञात रहे कि शिक्षक भर्ती 2013 को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद नई वरीयता सूची के तहत शिक्षकों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया हर जिले में चल रही है। इसी के तहत प्रतापगढ़ जिले के अभ्यर्थियों की सूची भी शुक्रवार को जारी होनी थी। लेकिन अधिकारियों की कथित अनदेखी के कारण सूची समय पर जारी नहीं हो सकी। इससे बेरोजगार शिक्षक आक्रोशित हो गए थे।
सूची को लेकर शुक्रवार को जिला परिषद कार्यालय के बाहर कई शिक्षकों की भीड़ भी जमा थी। सब इंतजार में थे कि निर्धारित दिन शाम तक सूची जारी हो जाएगी। लेकिन नहीं हुई तो उक्त कदम उठाया।
इस बारे में प्रतापगढ़ नगर पुलिस के द्वितीय थानाधिकारी वीरेन्द्रसिंह, एएसआई यमनेश आदि मौके पर थे जिन्होंने आक्रोशितों को समझाइश की और लिस्ट जारी होने के बाद मामला शांत हुआ। हालांकि पुलिस में इस बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। मामला समझाइश के बाद शांत हो गया है।