मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विधानसभा में विपक्ष को लगभग ललकारते हुए कहा कि वह कल भी भारत मात की जय बोलते थे, आज भी भारत माता की जय बोल रहे हैं और कल भी भारतमाता की जय बोलते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर अनायास इस मुद्दे को उछालकर सभागृह का समय बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतमाता की जय बोलने में मुख्यमंत्री पद की भी परवाह नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार व रविवार को नाशिक में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई थी। उस समय मुख्यमंत्री ने भारतमाता की जय बोलने का आवाहन किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि भारत देश में रहने वाला इस देश में भारत माता की जय नहीं बोलेगा तो क्या पाकिस्तान व चीन की जय बोलेेगा।
विपक्ष ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से सोमवार को सभागृह में उपस्थित किया और इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा सभागृह की माफी मांगने की बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी चीज की माफी मांगे, भारतमाता की जय बोलना क्या इस देश में अपराध है।
माहिम में मुसलिम समाज द्वारा रैली निकाल कर भारत माता की जय का नारा लगाया गया था। इसी तरह जावेद अख्तर ने राज्यसभा में भी भारत बाता की जय कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष नाहक इस मुद्दे को उछालकर सदन का समय बर्बाद कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतमाता की जय बोलना कोई धार्मिक नारा नहीं है। साथ ही इस बात का विरोध प्रदेश के किसी भी संगठन ने नहीं किया है।
भारतमाता की जय को लेकर सदन में हंगामा
नाशिक में मुख्यमंत्री द्वारा भारतमाता की जय बोलने जैसे भावनात्मक बयानबाजी करने के बाद विपक्षी नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने इस मुद्दे पर सदन का कामकाज पूरे दिन के लिए स्थगित किए जाने की मांग की और मुख्यमंत्री को माफी मांगने की आवाज बुलंद की।
इस मुद्दे को अध्यक्ष हरीभाउ बागड़े ने अपने कार्यालय में ही नकार दिया थ। लेकिन सभागृह का कामकाज शुरु होते ही विपक्ष ने यह मुद्दा सदन में उपस्थित किया और इस मुद्दे पर सदन में जोरदार नारेबाजी किया।
उधर इसी मुद्दे पर सत्तापक्ष के विधायक भी मुख्यमंत्री के समर्थन में अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए, जिससे सदन में विपक्ष व सत्तापक्ष आमने – सामने आ गए। इस तरह सदन के हालत को देेखते हुए सदन का कामकाज 2 बार स्थगित करना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार सदन में विपक्षी नेता ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा भाजपा व संघ परिवार आजादी के बाद नागपुर में स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक कार्यालय पर तिरंगा नहीं फहराता था।
सन 2000 में कांग्रेस द्वारा जब इसका विरोध किया गया और वहां तिरंगा फहराने का प्रयास किया गया तो वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व नितीन गडकरी ने संघ कार्यालय पर तिरंगा फहराये जाने का विरोध किया था।
विपक्षी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा भारतमाता की जय बोलने की अपील किए जाने से अ्ल्पसंख्यक समाज के मन में डर का माहौल फैल गया है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि फडणवीस को यह खुलासा करना चाहिए कि वह इस तरह की नारेबाजी मुख्यमंत्री के हैसियत से कर रहे हैं अथवा संघ के स्वयंसेवक के रुप में।
राकांपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के बयान की तीव्र निंदा की। इस मामले को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायक आक्रामक हो गए थे। विपक्षी सदस्यों ने सदन में तिरंगा भी फहराने का प्रयास किया, लेकिन कुछ सदस्यों तिंरंगा उल्टा पकड़ा था, इसे लेकर सत्तापक्ष के सदस्यों ने शोरशराबा करना शुरु कर दिया। हालांकि मुख्यमंत्री जब अपने बयान पर अड़े रहे तो विपक्ष ने सदन का बर्हिगमन कर दिया।