नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अपने ताजा बयान में उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन पर हमला बोलते हुए कहा है कि रघुराम राजन हमारे देश के लायक नहीं है।
स्वामी ने ट्विटर पर कहा कि मुझे लगता है कि आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन हमारे देश के लिए अनुकूल नहीं है। स्वामी ने यह भी कहा कि उसको (राजन को) जितना जल्दी छुट्टी करके शिकागो भेज सकते हो भेजना चाहिए। स्वामी ने कहा कि जिस तरह से यह ब्याज की दरें बढ़ा रहे हैं इससे बेरोजगारी बढ़ गई है और देश को भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन ने बुधवार शाम को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत में मौद्रिक नीति तैयार करना एक खेल जैसा आसान कार्य है लेकिन दिक्कत तब आती है जब किसी मसले पर राजनीतिक मंजूरी लेनी होती है। ऐसी स्थिति में हमें नीति तैयार करते समय थोड़ी चालाकी भी बरतनी पड़ती है।
छात्रों को संबोधित करते हुए राजन ने कहा था कि देश की वित्तीय नीति तैयार करते समय राजनीतिक व्यवधानों को पार करने के लिए आप बहुत तीखा रुख नहीं अपना सकते, इसके लिए जरूरी हो जाता है थोड़ी चालाकी भरा कदम उठाना।
राजन ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत जैसे तेजी से बढ़ते बाजार वाले देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा कार्य जितना कठिन है उतना ही समझदारी भरा भी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने मजाक भरे लहजे में कहा कि वित्तीय नीति तैयार करना बहुत आसान है, लेकिन इस नीति को लागू करना बहुत कठिन होता है।
इससे पहले भी गवर्नर रघुराम राजन ने वाशिंगटन में एक बयान में कहा था कि ‘हमें अभी भी वो स्थान हासिल करना है, जहां पर पहुंच कर हम संतोष जाहिर कर सके। उन्होंने एक कहावत को याद करते हुए कहा था कि हमारे यहां एक कहावत है अंधों में काना राजा। हमारी अर्थव्यवस्था कुछ वैसी ही है।’ इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे।
रघुराम राजन वेतन में फैली असमानताओं पर भी अपनी राय जाहिर कर चुके हैं। देश भर में फैले स्कूलों पर बीते ही दिनों एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राजन ने कहा था कि एजुकेशन लोन के जरिए घटिया स्कूल-कॉलेज से मिलने वाली डिग्री से बचना चाहिए। ऐसे स्कूल-कॉलेज बच्चों को कर्ज में फंसा कर बिना काम की डिग्रियां दे रहे हैं।
ऐसा माना जाता है कि राजन की खरी-खरी सरकार में मौजूद लोगों को अच्छी नहीं लगती। राजन का कार्यकाल इसी साल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है।