मुंबई। आलू, पत्तागोभी, हरी मिर्च, टमाटर, फूलगोभी, बैंगन और भिन्डी के भावों में इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के दौरान कम आवक के कारण भारी तेजी रही और इसका भरपूर लाभ किसानों के बजाय खुदरा व्यापारियों ने उठाया।
उद्योग संगठन एसोचैम ने एक अध्ययन के हवाले से कहा है कि सब्जियों के मूल्य में आई तेजी का लाभ किसानों को नहीं मिला बल्कि थोक मंडी से कम कीमत में खरीद करने वाले खुदरा व्यापारियों ने इसका पूरा लाभ उठाया।
अध्ययन में बताया गया है कि आलू के खुदरा भाव इस दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गए।
इसी अवधि में पत्तागोभी 49.3 प्रतिशत, हरी मिर्च 47.5 प्रतिशत, लहसुन, 37 प्रतिशत, फूलगोभी 33.9 प्रतिशत, टमाटर 26 प्रतिशत, आलू नया 25 प्रतिशत, भिन्डी 22.3 प्रतिशत और बैंगन गोल 22.5 प्रतिशत चढ़े हैं।
विभिन्न मंडियों में किए गए अध्ययन में कहा गया है कि सब्जियों की पैदावार ठीक-ठाक होने के बावजूद मंडियों में इनकी आवक कम रही।
खुदरा और थोक भावों में भारी अंतर देखा गया। अखिल भारतीय स्तर पर लिए गए औसत के अनुसार खुदरा व्यापारी उपभोक्ताओं से थोक भावों की तुलना में 52.7 प्रतिशत अधिक वसूल रहे थे।