![मौसम हो गर्मियों का तो ना करें इन बातों को नजरअंदाज मौसम हो गर्मियों का तो ना करें इन बातों को नजरअंदाज](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2017/03/garmi-image.jpg)
![Do not neglect these things in the summer](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2017/03/garmi.jpg)
लो आ गई गर्मी, ‘ग्रीष्म ऋतु’ अब ज्यादा तापमान बढेगा। ऐसे में गर्मी के डर से हम अपना काम भी तो नहीं छोड़ सकते, गर्मी के चलते हमें कही अनेक प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता हैं।
जरा सी लापरवाही के कारण शरीर में निर्जलीकरण (dehydration), लू लगना, चक्कर आना घबराहट होना, नकसीर आना, उलटी-दस्त, sun-burn, घमोरिया जैसी कई diseases हो जाती हैं।
हमें गर्मी में जलीय, शीत गुणयुक्त सुपाच्य पदार्थों की आवश्यकता होती है। हम आज आप को गर्मी से बचने के लिए टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें नजरअंदाज न करें।
गर्मी से होने वाली बीमारियों कारण:-
- गर्मी के दिनों में खुले शरीर धुप में चलना और भाग-दौड करना
- तेज गर्मी में घर से खाली पेट यानि भूखा-प्यासा बाहर जाना
- धुप से आकर तुरंत ठण्डा पानी या अन्य ठन्डे पेय का सेवन करना
- तेज धुप से आकर सीधे AC कूलर में बैठना या यहाँ से सीधे उठकर धुप में जाना
- तेज गर्मी में भी सिंथेटिक वस्त्रों का पहनना
- तैलीय,गरिष्ठ,तेज मसाले,बहुत गर्म खाना खाने,अधिक चाय,शराब का सेवन करना इत्यादी
गर्मी स्वाभाविक उत्पन्न होने वाली कमजोरी, बेचैनी आदि परेशानियों से बचने के लिए ताजगी देने वाले कुछ प्रयोग:-
धनिया पंचकः धनिया, जीरा व सौंफ समभाग मिलाकर कूट लें। इस मिश्रण में दुगनी मात्रा में काली द्राक्ष व मिश्री मिलाकर रखें।
उपयोगः एक चम्मच मिश्रण 200 मि.ली. पानी में भिगोकर रख दें। दो घंटे बाद हाथ से मसलकर छान लें और सेवन करें। इससे आंतरिक गर्मी, हाथ-पैर के तलुवों तथा आँखों की जलन, मूत्रदाह, अम्लपित्त, पित्तजनित शिरःशूल आदि से राहत मिलती है। गुलकंद का उपयोग करने से भी आँखों की जलन, पित्त व गर्मी से रक्षा होती है।
ठंडाईः जीरा व सौंफ दो-दो चम्मच, चार चम्मच खसखस, चार चम्मच तरबूज के बीज, 15-20 काली मिर्च व 20-25 बादाम रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह बादाम के छिलके उतारकर सब पदार्थ खूब अच्छे से पीस लें। एक किलो मिश्री अथवा चीनी में चार लीटर पानी मिलाकर उबालें। एक उबाल आने पर थोड़ा-सा दूध मिलाकर ऊपर का मैल निकाल दें। अब पिसा हुआ मिश्रण, एक कटोरी गुलाब की पत्तियाँ तथा 10-15 इलायची का चूर्ण चाशनी में मिलाकर धीमी आँच पर उबालें। चाशनी तीन तार की बन जाने पर मिश्रण को छान लें, फिर ठंडा करके काँच की शीशी में भरकर रखें।
उपयोगः ठंडे दूध अथवा पानी में मिलाकर दिन में या शाम को इसका सेवन कर सकते हैं। यह सुवासित होने के साथ-साथ पौष्टिक भी हैं। इससे शरीर की अतिरिक्त गर्मी नष्ट होती है, मस्तिष्क शांत होता है, नींद भी अच्छी आती है।
आम का पनाः कच्चे आम को पानी में उबालें। ठंडा होने के बाद उसे ठंडे पानी में मसल कर रस बनायें। इस रस में स्वाद के अनुसार गुड़, जीरा, पुदीना, नमक आदि मिलाकर खासकर दोपहर के समय इसका सेवन करें। गर्मियों में स्वास्थ्य-रक्षा हेतु अपने देश का यह एक पारम्परिक नुस्खा है। इसके सेवन से लू लगने का भय नहीं रहता ।
गुलाब शरबतः डेढ़ कि.ग्रा. चीनी में देशी गुलाब के 100 ग्राम फूल मसलकर शरबत बनाया जाय तो वह बाजारू शरबतों से पचासों गुना हितकारी है। सेक्रीन, रासायनिक रंगों और विज्ञापन से बाजारू शरबत महंगे हो जाते हैं। आप घर पर ही यह शरबत बनायें। यह आँखों व पैरो की जलन तथा गर्मी का शमन करता है। पीपल के पेड़ की डालियाँ, पत्ते, फल मिलें तो उन्हें भी काट-कूट के शरबत में उबाल लें। उनका शीतलतादायी गुण भी लाभकारी होगा।
गर्मी से होने वाली बीमारियां :-